गोधरा कांड मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। वहीं अन्य 20 दोषियों के उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया है।
इससे पहले 1 मार्च 2011 को एसआईटी की एक विशेष अदालत ने इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था। इन 31 में से 11 को मृत्युदंड और अन्य 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। विशेष अदालत ने माना था कि घटना के पीछे साजिश रची गई थी। इन 31 दोषियों को हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत कसूरवार ठहराया गया था।
बाद में दोषियों ने विशेष अदालत के इस फैसले के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। अब गुजरात हाईकोर्ट ने 11 लोगों के मौत की सजा को कम कर के उसे आजीवन कारावास में बदल दिया है। हालांकि उम्रकैद की सजा पाने वाले को कोई राहत नहीं दी गई है।
आपको बता दें कि गोधरा कांड के नाम से प्रसिद्ध यह घटना 27 फरवरी 2002 को घटित हुई थी जब कुछ उपद्रवियों ने तड़के 8 बजे के करीब गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी में आग लगा दी थी। इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 कार सेवकों की जलकर मौत हो गई थी। जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे।