लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के कथित आरोपी अशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होने वाली है। मिश्रा को आज पुलिस कोर्ट में पेश करेगी और न्यायालय तय करेगा कि उन्हें जेल भेजा जाए या सरकारी कोठी में रखा जाए। वहीं आशीष मिश्रा के वकील का कहना है कि उन्हें हम कोर्ट में पेश नहीं करेंगे। तीन दिन के पुलिस रिमांड का विरोध करेंगे।
10 अक्तूबर को Ashish Mishra पहुंचे पुलिस स्टेशन
बता दें कि आशीष मिश्रा पर आरोप लगा है कि 3 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में किसान तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे थे इस दौरान उन्होंने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें 8 किसानों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर कई वीडियो जारी किया गया है। पर किसी वीडियो में यह नहीं बताया गया है कि गाड़ी चढ़ाने वाले आशीष मिश्रा ही थी।
घटना तीन अक्तूबर को हुई थी। 9 अक्तूबर तक किसी से पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की और न ही किसी को गिरफ्तार किया। इसके बाद विपक्ष के आरोपों और जारी होते वीडियो के बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा की तलाश शुरु कर दी। पुलिस ने पहले उनके घर जाकर नोटिस देकर उन्हें थाने में पेश होने के लिए कहा लेकिन मिश्रा दो दिन तक पुलिस के साथ चोर पुलिस खेलते रहे। खबर फैलने लगी कि मिश्रा नेपाल भाग गया है। इस बीच आशीष मिश्रा 10 अक्तूबर को बाइक पर बैठकर मुंह बांध कर पुलिस स्टेशन पहुंच जाते हैं।
11 घंटे चली पूछताछ
आशीष मिश्रा पुलिस स्टेशन तब पहुंचते हैं जब उन्हें पुलिस आखिरी दिन देती है पेश होने के लिए। पुलिस उनसे 11 घंटे पूछताछ करती है। इस बीच यह भी खबर आती है कि 11 घंटे के बीच पुलिस उन्हें 8 बार चाय और नाश्ता कराती है। पूछताछ में मिश्रा जी पुलिस को खूब घूमाने की कोशिश करते हैं। पर जब घटना के समय की बात होती है तो वह फंस जाते हैं। यहीं से उनके जेल जाने का सफर शुरु होता है।
अपनी बेगुनाही का सबूत देने में जब आशीष मिश्रा फेल हो जाते हैं तो उन्हें न्यायालय ले जाया जाता है और वहां से उन्हें जेल भेजा जाता है। अगले दिन रविवार होने के चलते कोर्ट बंद रहता है। सोमवार को पुलिस की तरफ से तीन दिन पुलिस रिमांड के लिए पुलिस की तरफ से अर्जी देती है। आज इस मामले पर सुनवाई होने वाली है।
इन तीन कारणों से पुलिस ने Ashish Mishra को किया गिरफ्तार
1. आशीष मिश्रा ने बोला था कि जब घटना घटी तो वो कुश्ती के दंगल में थे जो उस घटना स्थल से 4-5 किलोमीटर दूर था, पर दंगल में मौजूद लोगों और पुलिस से पता चला कि वो वहां नहीं थे।
2. घटना के समय उसके मोबाइल टावर की लोकेशन घटना स्थल के अंदर और आस-पास की थी।
3. उसके साथियों द्वारा किये FIR में किसानों को 3 लोगों की हत्या का जिम्मेदार बताते हुए बताया गया था कि थार ड्राइवर चला रहा था। ड्राइवर की मृत्यु हो चुकी थी जिसने पीला कपड़ा पहना हुआ था, पर वीडियो में सफेद कपड़े पहना व्यक्ति थार चला रहा था।
अजय मिश्रा बेटे को बता रहे हैं बेगुनाह
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा से विपक्ष इस्तीफा मांग रहा है लेकिन इस पर अभी कोई बात नहीं हो रही है। अजय मिश्रा अपने बेटे आशीष मिश्रा को बेगुनाह साबित करने में जुटे हुए हैं। वे बार कह रहे हैं कि घटना के वक्त उनका बेटा वहां पर नहीं था।
गौरतलब है पूरे देशभर में तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश का मिनी पंजाब कहा जाने वाला लखीमपुर खीरी में किसान रविवार को तीनों कृषि कानून को लेकर विरोध कर रहे थे। तभी कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों को कुचल दिया जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में एक स्थानीय पत्रकार समेत 2 बीजेपी नेताओं की मौत हुई है।
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