Lakhimpur Khiri Case : UP सरकार के वकील Harish Salve और CJI के बीच कोर्ट में क्‍या बात हुई? पढ़ें…

0
479
Harish Salve Lakhimpur Case
Lakhimpur Case में यूपी सरकार के वकील हैं Harish Salve

Lakhimpur Khiri Case : सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की कार्यवाई से असंतुष्टि जाहिर करते हुए इस मामले की जांच किसी दूसरी एजेंसी को देने के संकेत दिए। CJI ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले पर यूपी सरकार ने सही कदम नहीं उठाया। CJI के इस टिप्‍पणी का हरीश साल्वे ने भी समर्थन करते हुए कहा कि हां अफसरों को जरूरत के मुताबिक काम करना चाहिए था।

CJI ने इस मामले में आरोपी मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने पर साल्वे से पूछा कि अगर कोई दूसरा हत्या का केस होता तो भी क्या आप इस तरह से जांच करते? क्या आप आरोपी को नोटिस जारी कर उसके आने का इतंज़ार करते?

यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri Violence Video: Varun Gandhi ने जारी किया नया वीडियो, कहा-“किसानों का गुस्सा फूटे, इससे पहले सरकार न्याय करे”

वही CJI ने यह भी कह दिया कि इस घटना में जो आरोपी है उसकी वजह से हम यह मामला CBI को नहीं देना चाहते। यही नहीं CJI ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हम इस पर कोई टिप्पणी भी नहीं करना चाहते है। वही कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि सरकार को इस मामले में एक आम मामले के आरोपी की तरह ही कार्यवाई करनी चाहिए थी।

कोर्ट में हरीश साल्‍वे और CJI के बीच क्‍या बात हुई?

यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि जिस तरह से कार चलाई गई, उससे आरोप सही लगते हैं। यह संभवत: हत्या का ही मामला है। हालांकि हरीश साल्वे ने यह भी बताया कि मृतकों के पोस्टमॉर्टम में गोली के घाव नहीं मिले है। जस्टिस हिमा कोहली ने भी साल्वे की कार चलाने की घटना का समर्थन करते हुए कहा शायद हत्या का मामला है।

साल्वे ने आगे कहा कि इस घटना में हुई मौत को, शायद हत्या इसलिए कहा कि आरोपी यह न कहे कि मामले में मुझे पहले ही दोषी मान लिया गया। इस मामले में सबूत मजबूत है और अगर सबूत सही है तो ये धारा 302 के तहत हत्या का मामला है।

यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri Case: सबूतों की भरमार, आरोपी नहीं हुए अभी तक गिरफ्तार

जब CJI ने पूछा कि क्या राज्य सरकार ने CBI जांच की सिफारिश की है?

CJI के इस सवाल का जवाब देते हुए यूपी सरकार के वकील हरीश साल्‍वे ने कहा, नहीं, फिलहाल ऐसा नहीं हुआ है। आप अगली सुनवाई तक जो कि दशहरे की छुट्टियों के बाद हो आएगी तब तक का समय दें। उसके बाद कोर्ट को लगे तो मामले की जांच CBI को सौप दें।

CJI ने भी साल्वे के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा हम आपका सम्मान करते हैं इसलिए इस वक्त मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। हालांकि CJI ने यह भी कह दिया कि CBI भी इस मामले का कोई हल नहीं है। आप जानते ही है ऐसा क्यों है?

VIDEO देखें : Lakhimpur Kheri Violence का ‘वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा’

CJI ने साल्वे से पूछा आपके द्वारा गठित SIT में कौन लोग हैं। इस SIT में सब स्थानीय अधिकारी हैं, यही सबसे बड़ी दिक्कत है। इस मामले के लिए हमें कोई और तरीका देखना होगा।

हरीश साल्वे ने कोर्ट के इस सवाल पर सहमति जताते हुए कहा कि मैं समझ रहा हूं कि आपके मन में क्या है?
मैं भी मानता हूं कि मामले में सरकार द्वारा ज़रूरी कार्रवाई होनी चाहिए थी जो कि नहीं हुई।

CJI ने कहा कि यह हमारे मन की बात नहीं है। यहां सवाल यह है कि हम लोगों को क्या संदेश दे रहे हैं?

संबंधित खबरें :

Lakhimpur Kheri Violence: राज्य का नाम है उत्तर प्रदेश पर इन पांच सवालों का कोई नहीं दे रहा है उत्त

Lakhimpur Kheri Violence- योगी आदित्यनाथ हिंसा से आहत

Lakhimpur Kheri Violence- विपक्षी नेता राम गोविंद चौधरी ने हिंसा की तुलना जलियांवाला बाग से की

Lakhimpur Kheri Violence- मृत किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये, घायलों को 10 लाख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here