गुरूवार सुबह से केरल सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। केरल और भारत का सबसे बड़ा दुश्मन दाऊद इब्राहिम खबरों की सुर्खियां बने हुए हैं। मामला सोना तस्करी का है। दरसल केरल कोर्ट में सोना तस्करों को लेकर सुनवाई चल रही है।

संभावना जताई जा रही थी की तस्करों को जमानत मिल जाएगी। लेकिन सभी आरोपियों को 180 दिनों तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों की जमानत को लेकर एनआइए ने नाराजगी जाहीर की थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने विशेष अदालत घोषणा करते हुए कहा कि, सोना तस्करी में दाऊद का हाथ शामिल हो सकता है। कोर्ट के अनुसार डी कंपनी का बड़ा गिरोह इस धंधे में शामिल हो सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा सोना से आने वाले पैसों का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी कृत्यों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी है।

सोना तस्करी में संलिप्त आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका को लेकर एनआइए ने काफी विरोध किया था। जानकारी के अनुसार जांच को आगे बढ़ाया जा सके इसलिए सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

एनआइए ने कहा कि सोना तस्करी में शामिल पांचवे आरोपी रमीज ने बड़ा खुलासा किया है, वो तंजानिया में एक हीरा कारोबार शुरू करने वाला था और इसके बाद वह तंजानिया में एक सोने का खनन लाइसेंस प्राप्त लेने की कोशिश में था।

उसने तंजानिया से सोना लाने और यूएई में बेचने के बारे में भी बताया। एजेंसी ने अपनी दलील में यूएन सिक्योरिटी काउंसिल सैंक्शन्स कमिटी की ओर से दाऊद इब्राहिम पर की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया है।

बता दे कि केरल सोना तस्करी मामले की प्रमुख आरोपित स्वप्ना सुरेश को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई है। वह अभी जेल में ही रहेगी, क्योंकि सोना तस्करी से संबंधित अन्य मामलों में भी उसे गिरफ्तार किया गया है।

एनआइए ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम का भी प्रयोग किया है। कोर्ट ने स्वप्ना की जमानत अर्जी पर पिछले सप्ताह फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसे सीमा शुल्क विभाग द्वारा की जा रही जांच से संबंधित मामले में भी जमानत मिल चुकी है। सीमा शुल्क ने 60 दिनों की निर्धारित समयसीमा के भीतर अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं कराई, जिस कारण उसे जमानत मिल गई।

राजनयिक चैनल से राज्य में हो रही सोना तस्करी की जांच में एनआइए, ईडी और सीमा शुल्क विभाग जुटा है। तिरुअनंतपुरम में पांच जुलाई को सीमा शुल्क द्वारा राजनयिक सामान में लगभग 14.42 करोड़ रुपये का 30 किलो सोना पकड़े जाने के बाद यह मामला सामने आया था।

जानकारी के लिए बता दे कि NIA ने 25 जून को 30 किलों सोना के साथ तस्करों को गिरफ्तार किया था। ये खबर जुलाई माह में आग की तरह चारो तरफ फैल गई। लंबे समय से एनआइए जांच में जुटी है आखिर सोना तस्करी के पीछे असली मकसद क्या था ? इस कांड को 2020 Kerala gold smuggling case के नाम से जाना जाता है।


 

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