कम-लागत वाली Akasa Airlines अगले साल गर्मियों से करेगी संचालन

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कोविड -19 महामारी के कारण एक साल से अधिक समय तक खराब प्रदर्शन के बाद, भारतीय एयरलाइंस में दो एयरलाइनों की एंट्री हो रही है।

कोविड -19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण एक साल से अधिक समय तक खराब प्रदर्शन के बाद, भारतीय एयरलाइंस (Indian Airlines) में दो एयरलाइनों की एंट्री हो रही है। जेट एयरवेज 2.0 (Jet Airways 2.0) और राकेश झुनझुनवाला समर्थित अकासा (Rakesh Jhunjhunwala) प्रवेश के लिए तैयार हैं। कम लागत वाली अकासा एयरलाइन अकासा ब्रांड के तहत एक एयरलाइन की योजना बना रहा है, इसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। एयरलाइन कम-लागत वाहक या अति-लो-लागत के साथ काम करने की योजना बना रही है, अगले साल की गर्मियों तक सेवाएं शुरू करने की उम्मीद करती है।

क्या है अकासा

अकासा एक आगामी अल्ट्रा लो-कॉस्ट कैरियर या यूएलसीसी है, जिसे शेयर बाजार निवेशक राकेश झुनझुनवाला (stock market investor rakesh jhunjhunwala) द्वारा लॉन्च किया जा रहा है, वे एयरलाइन कंपनी में 40% हिस्सेदारी रखेंगे। झुनझुनवाला ने अप्रैल 2022 तक एयरलाइन लॉन्च करने की योजना बनाई है। एयरलाइन के संचालन के लिए जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ विनय दूबे (Vinay Dubey, former CEO of Jet Airways) और इंडिगो के पूर्व अध्यक्ष आदित्य घोष (Aditya Ghosh, former chairman of Indigo) जैसे विमानन उद्योग के दिग्गजों को शामिल किया है। वहीं माना जा रहा है कि दुबे कंपनी के सीईओ हो सकते हैं, जबकि घोष के झुनझुनवाला के नामित के रूप में बोर्ड में शामिल हो सकते हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वे 35 मिलियन डॉलर निवेश करेंगे और अगले चार वर्षों में 70 विमानों का एक बेड़ा रखने की योजना बना रहे हैं। एयरलाइन को अगले कुछ दिनों में नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने की उम्मीद है।

कितना बड़ा है भारत का एयरलाइन क्षेत्र

वर्तमान में इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (Presently InterGlobe Aviation Limited) द्वारा संचालित बजट एयरलाइन इंडिगो घरेलू यात्री बाजार में 54% से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है, इसके बाद राज्य के स्वामित्व वाली एयर इंडिया, स्पाइसजेट, गोएयर, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया हैं। गोएयर ने हाल ही में खुद को रीब्रांड किया और यूएलसीसी बनने के लिए अपने बिजनेस मॉडल को सुधारने की योजना बनाई है। भारतीय एयरलाइन उद्योग में ये उथल-पुथल काफी हद तक 2020-21 (अप्रैल-मार्च) में कोरोना महामारी के दौरान हुए भारी नुकसान के कारण है।

बड़े पैमाने पर नुकसान के कारण ऋण बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण अधिकांश एयरलाइनों के पास रिकैपिटलाइजेशन के बहुत सीमित साधन हैं। भारत सरकार लगभग कोई प्रत्यक्ष सहायता प्रदान नहीं कर रही है। उधारदाताओं ने कुल मिलाकर एयरलाइनों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं, यहां तक कि पुनर्गठन के लिए भी सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोरोना महामारी के दौरान एयरलाइंस एक उच्च लागत वाले वातावरण में जा रहे हैं, जबकि कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। विमानन परामर्श फर्म ने 2021-22 के लिए अपने भारतीय एयरलाइन दृष्टिकोण में स्थिति का उल्लेख किया है।

नए खिलाड़ियों के लिए संभावनाएं

2019 में जेट एयरवेज के बंद होने और एयर इंडिया के संभावित विनिवेश और अन्य मौजूदा निवेशकों के कमजोर स्थिति के कारण एयरलाइन उद्योग दिक्कतों को सामना कर रहा है, लेकिन टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने के साथ ही माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में फिर से उछाल आ रहा है। ब्लूमबर्ग टीवी के साथ अपने साक्षात्कार में झुनझुनवाला ने कहा कि मैं मांग के मामले में भारतीय विमानन क्षेत्र को लेकर बहुत उत्साहित हूं।

क्या है यूएलसीसी मॉडल

यूएलसीसी एयरलाइन बिजनेस मॉडल परिचालन लागत को कम रखने पर ध्यान केंद्रित करती है। कम लागत वाले मॉडल में एयरलाइंस कुछ सुविधाओं को अलग करती हैं, जैसे सीट चयन, भोजन और पेय पदार्थ वगैरह। अल्ट्रा लो-कॉस्ट मॉडल में सेवाओं को और भी कम किया जाता है, जैसे चेक-इन बैगेज, केबिन बैगेज में। परंपरागत रूप से एलसीसी काफी कम किराए पर न्यूनतम लागत के साथ काम करते हैं।

भारत में इनसे होगा अकासा का मुकाबला

यूएलसीसी होने के नाते अकासा मार्केट लीडर इंडिगो से मुकाबला करने का प्रयास करेगी। हालांकि महामारी के दौरान भारी नुकसान के बावजूद इंडिगो मजबूत स्थिति में है। 27 जुलाई को पोस्ट-अर्निंग कॉन्फ्रेंस कॉल में बोलते हुए इंडिगो के सीएफओ जितेन चोपड़ा ने कहा कि, कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में हमारी बैलेंस शीट की ताकत हमारी सबसे बड़ी रक्षा है और हम लागत में कमी कर, तरलता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करके इसकी ताकत को बढ़ाना जारी रखेंगे।

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