Navratri 2021: शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी (Mahanavmi) पर पूजा-हवन किया जाता है। माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये नवरात्र में यह अंतिम देवी हैं। हिमाचल के नंदापर्वत पर इनका प्रसिद्ध तीर्थ है, माना जाता है कि इनकी पूजा करने से बाकी देवीयों कि उपासना भी स्वंय हो जाती है।
मंत्र
इनकी उपासना करने से सभी देवियों की उपासना हो जाती है। कहते हैं भगवान शिव ने भी इस देवी की कृपा से यह तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से ही शिव जी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए।
मंत्र- सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयाात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
महानवमी हवन का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि की महानवमी (Mahanavami)तिथि 13 अक्टूबर को रात 08:07 मिनट से 14 अक्टूबर को शाम 06:52 मिनट तक रहेगी। इस दौरान पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Puja Shubh Muhurat) सुबह 04:42 से 05:31 तक और अभिजित मुहूर्त सुबह 11:44 AM से 12:30 PM तक रहेगा। साथ ही इस बार 14 अक्टूबर को सुबह 9:36 बजे से पूरे दिन रवि योग भी रहेगा।
पूजन विधि (Pujan Vidhi)
नवरात्रि के अंतिम दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें। फिर विधि-विधान से मां दुर्गा के नौवें स्वरूप की पूजा करें। मां की अराधना सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयाात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। का जप करके की जाती है। माता को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएं।
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