एक अफवाह से NDTV को 10 फीसदी का फायदा, अपने इस्‍तीफे पर Ravish Kumar ने दी सफाई

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Ravish Kumar NDTV Adani Sanjay Pugalia
Photo: Ravish Kumar-NDTV-Adani-Sanjay Pugalia

अडानी ग्रुप NDTV खरीद रहा है। इस एक उड़ती हुई खबर ने एनडीटीवी के शेयर को उछाल दे दिया। बैठे बैठाए प्रति शेयर +7.95 रुपये की बढ़त के साथ 87.80 रुपये पर पहुंचा दिया। यानी एक उड़ती हुई खबर एनडीटीवी शेयर धारकों को एक दिन में 9.96 प्रतिशत का फायदा देने वाला बन गया।

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Source: google.com

अब इस खबर की शुरूआत कैसे हुई? खबर ये आई कि Adani Group मीडिया बिजनेस में उतरने जा रही है और वह दिल्‍ली स्थित एक मीडिया हाउस को खरीदने का प्‍लान बना रही है। 18 सितंबर को एक ट्वीट पायोनियर के पत्रकार जी गोपीकृष्‍णन ने अपने ट्वीटर हैंडल @jgopikrishnan70 से एक ट्वीट किया जिसमें लिखा कि अडानी ग्रुप एक पुराने टीवी चैनल को खरीदने जा रही है। वह चैनल हमेशा से अडानी ग्रुप पर हमला करते रहा है। खरीद के लिए चैनल के साथ लंदन में कागज साइन होंगे। चैनल का टोटल वैल्‍यू 1600 करोड़ रुपये बताए जा रहे हैं। लेकिन वर्तमान में उसे केवल 100 करोड़ ही मिलेंगे और जो केस चल रहे हैं उससे राहत मिलेगी। प्रमुख शेयरधारकों को 750 करोड़ रुपये मिलेंगे।

Sanjay Pugalia संभालेंगे अडानी ग्रुप का मीडिया वेंचर

इस ट्वीट के साथ ही एक और लेटर वायरल हो रहा है जिसमें बताया गया है कि अडानी ग्रुप ने मीडिया वेंचर के लिए Sanjay Pugalia को ज्‍वाइन कराया है। वही मीडिया का सारा काम देखेंगे। अडानी ग्रुप की ओर से जारी लेटर के अनुसार ‘अडानी ग्रुप’ (Adani Group) ने संजय पुगलिया को सीईओ और एडिटर-इन-चीफ के पद पर नियुक्त किया है। इस भूमिका में वह ग्रुप की मीडिया पहलों (Media Initiatives) का नेतृत्व करेंगे। लेटर में बताया गया है कि वह अपनी इस भूमिका में सुदीप्त भट्टाचार्य के साथ मिलकर काम करेंगे और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन टीम को सपोर्ट देंगे। वह प्रणव अडानी को रिपोर्ट करेंगे। पुगलिया की नियुक्ति के बारे में ‘अडानी ग्रुप’ की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि संजय को मीडिया, कम्युनिकेशन और ब्रैंडिंग का व्यापक अनुभव है। हम अडानी समूह के विविध व्यवसायों और राष्ट्र निर्माण की पहल में उनके इस अनुभव का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं।

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Adani Group द्वारा Sanjay Pugalia को दिया गया नियुक्ति पत्र

संजय पुगलिया की अडानी ग्रुप के साथ जुड़ने और दिल्‍ली के एक पुराने टीवी चैनल को खरीदने की अफवाह ने चैनल के प्रमुख शेयर धारकों को बैठे बिठाए करोड़ों का मुनाफा दे दिया। ठीक ऐसी ही खबर जुलाई 2017 में भी चली थी और एनडीटीवी के शेयर में काफी उछाल आया था। वैसा ही अभी हुआ है। क्या ये सब एनडीटीवी चैनल के प्रमुख शेयरधारकों द्वारा पूर्व नियोजित क्रियाकलाप तो नहीं है?

संजय पुगलिया को अडानी ग्रुप का मीडिया हेड बनाए जाने और एनडीटीवी जैसे चैनल को खरीदने (?) की खबर का असर एनडीटीवी हिंदी के जीरो टीआरपी वाले एंकर (यह खुद उन्‍हीं का कथन है) रवीश कुमार पर क्‍या हुआ? एनडीटीवी के बिकने या कोई स्‍टैंड लेने की बात जब भी सामने आती है तो सबसे पहले रवीश कुमार चर्चा में आते हैं। आज भी वैसा ही हुआ। ऑप इंडिया की वेबसाइट ने अपने हास्‍य-व्‍यंग्‍य सेक्‍शन में ”NDTV से रवीश कुमार का इस्तीफा, जहाँ जा रहे… वहाँ चलेगा फॉर्च्यून कड़ुआ तेल का विज्ञापन” शीर्षक के साथ खबर चलाया। मीडिया जगत में रवीश कुमार के इस्‍तीफे की खबर घूमने लगी और अंतत: रवीश कुमार तक भी पहुंच गई। इन तमाम अटकलों पर रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्‍ट लिखा। उसे यहां अक्षरश: दिया जा रहा है:

रवीश कुमार के इस्तीफ़े की अफ़वाह का सच

मैं भी पता कर रहा हूँ कि मेरा इस्तीफ़ा किसने दिया? मैंने ही दिया या इसकी कहानी लिखकर हिट्स उड़ाने वालों ने दिलवा दिया।
जो लोग इस तरह की अफ़वाह उड़ा रहे हैं लगता है उनके पास उड़ाने के लिए पैसे नहीं हैं।
कृपया इस बारे में मुझसे सही जानकारी न माँगे। पहले ग़लत फैला दो और फिर मुझी से पूछो कि ग़लत है या यही।
मैं सिर्फ़ यही जानना चाहता हूँ कि जनसत्ता ने ये अफ़वाह छापी है या नहीं। मेरे बारे में कुछ भी छाप कर हिट्स कमाने वाला जनसत्ता क्या कर रहा है।
बाक़ी रिलैक्स करें। दोस्तों, नौकरी की हालत देश में बहुत बुरी है। सभी के लिए। आपके प्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी ने इस प्यारे देश की अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है। इसमें अब पहले जैसी न तो नौकरी है और न सैलरी। इसका मतलब यह नहीं कि आप दुखी हो जाएँ। बिल्कुल नहीं। जब लगे कि भविष्य में कुछ नहीं ठीक होगा तो अतीत का ठीक करने में लग जाएँ। महापुरुषों की मूर्ति या स्मारक बनाने के नाम पर अतीत के गौरव की बहाली में जुट जाएँ। अच्छा टाइम कटेगा। उसके बाद भी मन दुखी हो तो नेहरू के मुसलमान वाली मीम सामने रखें और मुसलमानों को क्या करना चाहिए उस पर विचार करें, इस काम में इतनी ख़ुशी मिलेगी कि आप कंट्रोल नहीं कर पाएँगे। महापुरुष और मुसलमान आपके पास ख़ुश होने के दो दो फ़ैक्टर हैं। बस एक नौकरी नहीं है तो इसे लेकर क्या दुखी होना।

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Source: https://www.facebook.com/RavishKaPage

इन उड़ती हुई खबरों से दो प्रश्‍न सामने आए हैं:

  1. अडानी ग्रुप एनडीटीवी को खरीदने जा रहा है। इससे तत्‍कालिक तौर पर किसे फायदा हुआ?
  2. रवीश कुमार ने इस्‍तीफा दे दिया। इस सूचना को फैलाने से किसे फायदा हुआ?

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