Tunisia में Professor Najla Bowden बनीं पहली महिला PM, जानिए कौन हैं Prof. Najla ?

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Najla Boudin Romdhane
Tunisia में पहली महिला प्रधान मंत्री के रूप में एक महिला को चुना गया है, जो कि किसी मुस्लिम देश (Muslim country) के लिए बड़ी बात है।

Tunisia में पहली महिला प्रधान मंत्री के रूप में एक महिला को चुना गया है, जो कि किसी मुस्लिम देश (Muslim country) के लिए बड़ी बात है। ट्यूनीशिया (Tunisia) में 63 वर्षीय भूविज्ञान की प्रोफेसर नजला बौडेन रोमधाने (Geology Professor Najla Bowden Romdhane) की नियुक्ति के बाद ट्यूनीशिया मध्य पूर्व (Middle East) में महिलाओं की प्रगति और सशक्तिकरण का प्रतीक बन सकता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति कैस सैयद (President Kais Saied) ने अपने राजनीतिक अनुभव का अपने लाभ के लिए फायदा उठा रहे हैं। प्रोफेसर नजला को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है, जब देश गरीबी, भ्रष्टाचार से जुझ रहा है और देश में असंतोष व्याप्त है।


Who is Professor Najla Bowden ?

प्रोफेसर नजला बौडेन (Professor Najla Bowden) का जन्म ट्यूनीशिया के केंद्रीय प्रांत कैरौआन (Central Province Kairouan) में हुआ था। वह Geology की प्रोफेसर हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री बनने से पहले उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय (Ministry of Higher Education and Scientific Research) ने उन्हें विश्व बैंक (World Bank) के साथ मिलकर कार्यक्रमों को लागू करने की जिम्मेदारी दी थी, 2011 में उन्हें उच्च शिक्षा मंत्रालय में महानिदेशक (Director General in the Ministry of Higher Education) के पद पर नियुक्त किया गया। प्रोफेसर का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। अरब देशों (Arab Countries) में महिलाओं की स्थिति को देखते हुए लोग हैरान हैं और किसी महिला के पीएम बनाए जाने पर मिली जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

लंदन स्थित थिंक टैंक चैथम हाउस में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम की निदेशक (Director of the Middle East and North Africa Program) लीना खतीब (Leena Khatib, Director of the Middle East and North Africa Program) का मानना है कि सैयद द्वारा एक महिला को चुनना एक रणनीतिक कदम है, लेकिन यह देखा जाना बाकि है कि राष्ट्रपति के इस कदम से ट्यूनीशिया में क्या बदलाव होता है। पिछले हफ्ते सैयद ने घोषणा की कि वे एक नए मंत्रिमंडल का चयन करेंगे और ट्यूनीशिया के 2014 के संविधान को एक समिति के माध्यम से संशोधित करेंगे। डिक्री के तहत, उनके पास पीएम नियुक्त करने की शक्ति भी है।

आपातकालीन डिक्री का अर्थ यह है कि बौडेन के राजनीतिक दायरे सीमित होंगे। हालांकि बौडेन पर कभी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे, जो कि यहां एक बड़ी समस्या है। ऐसे में सैयद का एक भूविज्ञानी को पीएम चुनना उम्मीदें जगाता है, लेकिन संदेह भी उठाता है। फ्रैंकफर्ट विश्वविद्यालय (Frankfurt University) के राजनीतिक वैज्ञानिक होदा सलाह (Political scientist Hoda Salah) ने सवाल उठाया है कि क्या प्रोफेसर नजला को सिर्फ नाम के लिए पीएम चुना गया है, क्योंकि उनके पास स्पष्ट रूप से राजनीतिक क्षेत्र में अनुभव की कमी है। पूर्व मानवाधिकार मंत्री समीर दिलोउ (Former Human Rights Minister Samir Dilou)ने फेसबुक पर लिखा, फैसला प्रशंसा के लायक है। क्या यह वाकई एक ऐतिहासिक क्षण है? दुर्भाग्य से नहीं।

https://twitter.com/NajlaBouden/status/1443173196115677190

हालांकि नजला ने अभी कुछ नहीं कहा है, उनके ट्विटर पर केवल दो ट्वीट्स हैं, उन्होंने लिखा है, “मैं ट्यूनीशिया की प्रधान मंत्री का पद संभालने वाली पहली महिला होने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं देश की आर्थिक कठिनाइयों का सामना करने, भ्रष्टाचार से लड़ने, परिवहन, स्वास्थ्य और शिक्षा के अधिकारों के संबंध में ट्यूनीशियाई लोगों की मांगों का जवाब देने के लिए एक सुसंगत सरकार बनाने के लिए काम करूंगी।

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