सत्ता के गलियारों में हाथ में हाथ डालकर घूमने वाली बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) नदिया के इस पार और उस पार हैं। अपने साथी का साथ पाने के लिए शिवसेना कई बार लेख, प्रेस वार्ता और ट्वीट के जरिए इच्छा जाहिर कर चुकी है लेकिन भारतीय जनता पार्टी शिवसेना के इशारों को समझने की कोशिश ही नहीं कर रही है। शिवसेना ने एक बार फिर मुखपत्र के जरिए इशारों ही इशारों में पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है। सामना का लेख देखकर यही कयास लगाए जा रहे हैं कि पुराने साथी एक बर फिर साथ आ सकते हैं।
Narendra Modi के अलावा BJP में नहीं है कोई दमदार नेता
दअसल शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारफी की है। पीएम मोदी को बीजेपी का चेहरा बताया है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह को राजनीति का बुरा चाणक्य बताया है। मुखपत्र के अनुसार अमित शाह के कारण ही बीजेपी तीन राज्यों में चुनाव हार गई।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, “पीएम मोदी पार्टी का असली चेहरा हैं। पीएम के दमपर ही बीजेपी है। अगर पीएम मोदी पार्टी में न हो तो भारतीय जनता पार्टी बीएमसी का चुनाव तक नहीं जीत पाएगी। मोदी ने पिछले कुछ दिनों में काफी बोल्ड स्टेप्स लिए हैं और वे 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अच्छी तैयारी कर रहे हैं।”
शिवसेना ने सीधे पर नहीं लेकिन मुखपत्र के जरिए बीजेपी से अलग होने का दर्द भी साझा किया है। मुखपत्र में लिखा है कि, 25 साल से बीजेपी और शिवसेना एक साथ काम कर रही थी लेकिन अमित शाह के कारण पार्टी को अलग होना पड़ा। मुखपत्र के अनुसार बीजेपी शाह के कारण ही पश्चिम बंगाल में चुनाव हार गई।
सामना ने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा में कोई भी दमदार नेता नहीं है। मोदी के बिना भाजपा के कई बड़े चेहरे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का चुनाव तक नहीं जीत सकते हैं। भाजपा में जब से JP नड्डा को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है, पार्टी में बदलाव का दौर लगातार जारी है।
JP Nadda की तारीफ
मुख्यमंत्रियों को बदलना अच्छा फैसला सामना ने लिखा कि मोदी और नड्डा सही निर्णय लेकर 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। दोनों ने तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बदला है। गुजरात में भाजपा ने जड़ जमा चुके पुराने पेड़ों को उखाड़कर नए बीज बो दिए हैं। मोदी और नड्डा मध्यप्रदेश, हरियाणा और हिमाचल के मुख्यमंत्रियों पर भी नजर जमाए हैं।
आर्टिकल में शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र की हार को भाजपा रिपेयर करने की कोशिश कर रही है। लेख में शाह पर हमला करते हुए राउत ने कहा है कि कुछ दिनों पहले तक एक कैंपेन चलाया जा रहा था कि अमित शाह किसी भी चुनाव को जीता सकते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में भाजपा ने शिवसेना जैसा 25 साल पुराना साथी खो दिया और पार्टी को महाराष्ट्र में विपक्ष में बैठना पड़ा।
बीजेपी के राजनीतिक फैसलों पर लगातार पार्टी पर हमला बोलने वाली शिवसेना पीएम मोदी की तारीफ कर रही है। कयास तो यही लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी का हाथ पकड़कर शिवसेना एक बार फिर बीजेपी में प्रवेश करना चाहती है।
जगजाहिर है, पीएम मोदी ही बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। पार्टी में उनके फैसले को सर्वपरी रखा जाता है। ऐसे में शिवसेना एक बार फिर तारीफों के पुल बांधने में जुट गई है ताकि बीजेपी में शामिल होने का मौका मिल जाए और जांच एजेंसियों से छुटकारा मिल जाए।
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