देश की राजधानी दिल्ली में अवैध निर्माण और सीलिंग के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया हुआ है। सुप्रीम ​कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए आवासीय इलाकों में चल रही अवैध इंडस्ट्रियल यूनिटों को बंद कराने का आदेश दिया है।

पीठ ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाते हुए कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि मॉनिटरिंग कमेटी के गठन के 15 साल हो जाने के बावजूद आज भी दिल्ली में रिहायशी इलाकों में इंडस्ट्रियल यूनिटें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त करें कि रिहायशी इलाकों में अवैध तरीके से जो इंडस्ट्रियल यूनिटें चल रही हैं, उन्हें 15 दिन के अंदर सील किया जाए।

गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है। पीठ ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि क्या आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं।

बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ने के मामले में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के उस बयान पर नाराजगी जताई थी जिसमें कहा गया था कि एक हजार जगहें ऐसी हैं, जिसमें सील लगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘सुबह तक इन सभी जगहों की लिस्ट दें, हम आपको सीलिंग अफसर ही बना देते हैं।’

हालांकि तिवारी के वकील विकास सिंह ने कहा कि ये लिस्ट न मांगी जाए, क्योंकि ये सांसद है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि ‘सांसद है तो कुछ करेंगे।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here