मृतक Manish Gupta की पत्नी मांग रही हैं इंसाफ, घटना के 72 घंटे बाद भी UP Police के हाथ खाली

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Manish Gupta
Manish Gupta Murder Case

कानपुर प्रॉपर्टी डीलर (Kanpur Property Dealer) मनीष गुप्ता की पत्नी सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं। हत्याकांड (Manish Murder Case) को 72 घंटे से भी अधिक बीत चुके हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के हाथ कुछ नहीं आया है। पुलिस अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यहां तक कि पुलिस अभी तक यह भी नहीं पता लगा पाई है कि हत्या वाले दिन होटल के भीतर क्या हुआ था। असमंजस की बात तो यह है कि हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई है। सीएम ने पीड़िता के दर्द को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। घटना को लेकर जिस तरह से पुलिस काम कर रही है उसे देख कर तो यही कहा जा सकता है कि राज्य की पुलिस बहुत धीमी गती से चल रही है।

पुलिस घटनास्थल का लगा रही है चक्कर

बता दें कि पुलिस घटलास्थल से सारे सबूत जमा कर चुकी है। पुलिस होटल, हास्पिटल का सीसीटीवी डीवीआर व हार्डडिस्क अपने पास ले चुकी है। पुलिस मनीष के दोस्तों, होटल कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है। सबूत जमा करने के बाद भी राज्य की पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली हैं। मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी राज्य की योगी सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं।

आरोपियों को गिरफ्तार करने और अधिक सबूत जमा करने के लिए सोमवार रात से ही करीब आधा दर्जन थानों की पुलिस रामगढ़ताल से लेकर मेडिकल कॉलेज, तारामंडल स्थित होटल कृष्ण पैलेस का चक्कर लगा रही है। घटना को लेकर पुलिस अधिकारी तीन बार मीटिंग कर चुके हैं। सीएम योगी ने भी मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी को इंसाफ दिलाने का आश्वाशन दिया है। वहीं अधिकारियों को जल्द से जल्द पुलिस कार्रवाई करने का आदेश दिया है। पर मामला जहां का तहां पड़ा हुआ है।

क्या है पूरा मामला

इस “सिस्टम तो ऐसे ही चलता है” को समझने के लिए हमें पहले गोरखपुर की पूरी घटना को समझना होगा। कानपुर का एक प्रॉपटी डीलर मनीष गुप्ता गोरखपुर में अपने दो दोस्तों के साथ किसी काम से आता है। उसके दोनों दोस्त हरियाणा के रहने वाले थे। सभी एक होटल कृष्णा पैलेस में चेक-इन करते हैं। दिनभर काम खत्म करने के बाद रात में खाना खाने के बाद सभी होटल के अपने कमरे 512 में सोने की तैयारी कर रहे होते हैं। मनीष गुप्ता अपनी पत्नी मिनाक्षी गुप्ता से रात की आखिरी कॉल पर बात कर रहे थे।

तभी दरवाजे पर दस्तक होती है। मनीष के मित्र दरवाजा खोलते हैं और सामने से इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह अन्य 5 पुलिसकर्मियों के साथ बिना किसी परमिशन के कमरे में दाखिल हो जाते हैं। पुलिस वाले बताते हैं कि ये रूटिन चेकइन है, कप्तान साहब (एसएसपी-गोरखपुर) का आदेश है। इसके बाद वो कमरे की तलाशी लेने लगते हैं और सभी से पूछताछ करने लगते हैं।

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मनीष को इस तरह से आधी रात बिना किसी वजह के परेशान किया जाना बेहद नगवार गुजरता है और वह पुलिस इंस्पेक्टर से कहता है कि आधी रात को आप ये कैसी चेकिंग कर रहे हैं, हम कोई आतंकवादी तो नहीं हैं। मनीष का इतना कहना था कि पुलिस इंस्पेक्टर को गुस्सा आ जाता है और मनीष की इस कदर पिटाई होती है बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है। मनीष के दोस्तों को कहना है कि घटना के समय इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह ने कथिततौर पर शराब पी रखी थी।

इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की विवादास्पद कार्यशैली

इस मामले में बतौर मुख्य आरोपी शामिल रामगढ़ताल थाने के इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह अपने विवादास्पद कारनामे के लिए पहले से कुख्यात हैं। सिपाही से पुलिस की नौकरी में भर्ती होने वाले जगत नारायण सिंह आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर के ओहदे तक पहुंचे हैं। इसी साल अगस्त में भी इन पर आरोप लगा था कि इनके थाने में पुलिस अभिरक्षा में एक युवक की मौत हो गई थी यानी कुल मिलाकर इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की कार्यशैली हमेशा विवादों के घेरे में रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर किस आधार पर एसएसपी गोरखपुर ने इन्हें थाने की कमान सौंपी हुई थी।

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