देश का दिल देश की राजधानी, दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर लोकतंत्र को कुचला गया है। पिछले दो महीने से कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों ने 26 जनवरी के दिन शांतिपूर्ण तरह से ट्रैक्टर मार्च करने का वादा किया था लेकिन ये वादा झूठा साबित हुआ किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन की आडृ में दिल्ली के दिल पर ऐसा वार किया है कि जन भावना यह बन गई है कि आंदोलनकारी किसान नहीं थे। गणतंत्र दिवस के मौके पर लोकतंत्र का जश्न मनाया जाता है पर इस आंदोलन में शामिल उपद्नवियों ने जश्न को गम के माहौल में बदल दिया पुलिस वालों के साथ पथराव किया लाल किले में जबरन घुस गए, 8 बसों और 17 अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

इस हिंसा में 100 से अधिक लोग घायल हैं वहीं 83 पुलिसकर्मी जख्मी हैं। ट्रैक्टर से करतब दिखाने के दौरान दिल्ल के आईठीओ पर एक किसान की मौत भी हो गई है। दिल्ली पुलिस हिंसा की जांच कर रही है साथ ही 20 से अधिक किसान नेताओं पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है बाकी आरोपियों की तलाश सीसीटीवी फूटेज के जरिए जारी है।

गणतंत्र दिवस के दिन की ये तस्वीर दिल्ली के आईटीओ की है। ये इलाका मध्य दिल्ली में आता है। शांतिपूर्ण रैली का वादा करने वाले किसान किस तहर से शांति को भंग कर रहे हैं इसका सबूत ये वीडियो दे रहा है। हजारों की संख्या में किसान यूपी गेट से दिल्ली में जबरन प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस जब उन्हे रोकने की कोशिश करती है तो किसान जवानों पर डंडे बरसाना शुरू कर देते हैं।

वीडियो के अनुसार किसान पुलिस पर लाठियां बरसा रहे हैं। पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए पास में खड़ी दिल्ली सरकार की बस, वैन का सहारा ले रहे हैं लेकिन प्रदर्शनकारी बसों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। अधिक संख्या में किसान लाठी-डंडा लेकर पुलिस वालों को दौड़ा रहे हैं।

ट्रैक्टर मार्च की अनेकों तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। पर ये वीडियो 13 अप्रैल 1919 की याद दिला रह है। सोशल मीडिया यूजर इसकी तुलना जलियांवालाबाग हत्याकांड से कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि, इसी तरह अपनी जान जनरल डायर की फौज से बचाने के लिए लोग कुएं में कूद रहे थे। यहां पर आंदोलनकारी किसानों से अपनी जान बचाने के लिए दिल्ली पुलिस के जवान लाल किले के आस-पास बने तालाबनुमा गड्ढे में कूद रहे हैं।

अनुमान इसकी गहराई 7-10 फीट बताई जा रही है। अपनी जान बचाने के दौरान 300 पुलिस वालों बुरी तरह से जख्मी हैं। दरअसल किसान जबरन लाल किले में हथियार लेकर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं पुलिस वालों ने उन्हें रोकना चाहा तो वे जवानों को निशाना बनाने लगें।

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने लाल किले को मानों हथिया लिया है। ये सरकारी धरोहर है लाल किले की सुरक्षा में हर समय हजारों पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। यहां पर किसी भी आम नागरिक को इस तरह से झंडा फहराने की इजाजत नहीं है।

ट्रैक्टर मार्च की आड़ में किसान लाल किले पर पहुंच गए हैं वहां पर जमकर उत्पात मचाया है। वीडियो बता रहा है कि किसानों ने किस तरह से लाल किले पर कब्जा किया हुआ है।

हालांकि, इन तस्वीरों के सामने आने के बाद किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने बयान दिया था कि, दंगा करने वाले किसान नहीं हैं, वे हमारे संगठन के लोग नहीं है। हमारा उनका कोई रिश्ता नहीं है।

हिंसा शांत होने के बाद कुछ पुलिस वालों ने बयान दिया था कि, किसान ट्रैक्टर से उन्हें कुचलने की कोशिश कर रहे थे। इसकी सच्चाई इस वीडियो में दिख रही है। वीडियो प्रतिष्ठित न्यूज़ एजेंसी एएनआई का है। दिल्ली के आईटीओ पर कुछ लोग ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं पर हिंसक तरह से, पुलिस इन्हें रोकने की कोशिश कर रही है पर नाकाम साबित हुई।

किसान ट्रैक्टर के जरिए हु़ड़दंग मचा रहे हैं यहां पर पुलिस, मीडियाकर्मी भी खड़े नजर आ रहे हैं जब किसानों ने ट्रैक्टर चलाना शुरू किया तो लोग अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते दिखे।

किसान आंदोलन के पहले दिन से ही लागातर कह रहे थे कि वे ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को आवश्य रूप से करेंगे। दिल्ली पुलिस को चेताया भी था। किसानों ने जो कहा था वो किया भी पुलिस की तैयारी किस तरह फेल रही ये दुनिया ने देखा।

वीडियो फिर दिल्ली के आईटीओ का है जहां पर हजारों की संख्या में किसान डीटीसी बस को पलटने की कोशिश कर रहे हैं वहीं पुलिस वाले खड़े तमाशा देख रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली में प्रवेश करते समय अक्षरधाम, आईटीओ पहले आता है। आईटीओ से लाल किला बेहद करीब है इसलिए पुलिस पूरी ताकत के साथ उन्हें यहीं पर रोकने की कोशिश कर रही हैं।

किसान तय समय से पहले ट्रैक्टर परेड न कर सकें इसलिए दिल्ली पुलिस ने तय रूट पर बैरिकेडिंग कर दी थी। किसान उसपर चढ़कर दिल्ली में घुसने का प्रयास कर रहे हैं वहीं पुलिस किसानों को समझाने की कोशिश कर रही है।

किसान मानने को तैयार नहीं वे बैरिकेड पर खड़े हो कर जबरन राजधानी में दाखिल होने के लिए जिद कर रहे हैं।

बता दें कि, पुलिस ने किसानों से कहा था कि जवाने के परेड के बाद ही रैली का आयोजन करे लेकिन हुआ उसका पूरा विपरीत

एक बार फिर वीडियो दिल्ली के आईटीओ का है, यहां पर किसान और पुलिस आपस में भिड़ गए हैं। पुलिस किसानों पर लाठी चार्ज कर रही है तो किसान पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। यहां किसान पुलिस के पीछे और पुलिस किसान के पीछ दिख रही है।

किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें इसलिए पहले से ही बसें खड़ी कर दी गई थी। किसानों ने 8 से अधिक डीटीसी बसों को तोड़ दिया है। वहीं 17 से अधिक अन्य वाहन को जलाया गया है।

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