देश में 25 जून 1975 में लगे आपातकाल से देश की जनता के साथ बॉलीवुड भी काफी परेशान हुआ था। कई फिल्मों पर गानों पर बैन लगा दिया गया था। आपातकाल में फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह समय काफी मुश्किल भरा रहा।

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शोले मूवी 15 अगस्त 1975 में रिलीज हुई थी। अपने टाइम की यह सूपरहिट फिल्म है। इसमें अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, संजीव कुमार, जया बच्चन और हेमा मालिनी जैसे स्टार्स इस फिल्म में थे। इमरजेंसी के दौरान फिल्म का क्लाइमैक्स बदल दिया गया था। इस बात की जानकारी फिल्म को बनाने वाले रमेश सिप्पी ने खुद दी थी। उन्होंने कहा था- ‘फिल्म का क्लाइमैक्स जैसा दिखाया गया वैसा नहीं था। सेंसर ने फिल्म के क्लाइमैक्स पर आपत्ति जताई थी। असली क्लाइमैक्स सीन में ठाकुर अपने नुकीले जूतों से गब्बर को मार देता है। इस सीन को सेंसर ने कानून का हवाला देकर बदलने को कहा था। इसके बाद 26 दिनों में क्लाइमेक्स को दोबारा से शूट किया गया। जिसमें गब्बर को कानून के हवाले किया गया।’

इमरजेंसी के समय फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ पर बैन लगा था। फिल्म पर संजय गांधी के ऑटो-मैन्युफैक्चरिंग प्लान्स का मजाक उड़ाने का आरोप था। संजय गांधी के समर्थकों ने मूवी के मास्टर प्रिंट्स और कॉपियों को सेंसर बोर्ड से उठाकर जला दिया था। बाद में फिल्म को अलग कास्ट के साथ बनाया गया था।

फिल्म ‘आंधी’ में संजीव कुमार-सुचित्रा सेन लीड रोल में थे। इसे इमरजेंसी के दौरान बैन कर दिया गया था। आरोप था कि मूवी में इंदिरा गांधी की जिंदगी को गलत तरीके से दिखाया गया था।

आपातकाल के समय किशोर कुमार के गाने पर बैन लग दिए थे। खबरों की माने तो किशोर कुमार को कांग्रेस के वरिष्ट नेता विद्या चरण शुक्ला ने फोन कर ऑफर दिया था कि वे इंदिरा गांधी के इमरजेंसी के 20 सूत्री प्रोग्राम के लिए बनाए गाने को अपनी आवाज दें। लेकिन किशोर कुमार ने मना कर दिया थे। किशोर की बात पर मंत्री बेहद नाराज हो गए थे और उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर के गाने बैन कर दिए थे।

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