मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष सहित 14 मंत्रियों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि इस्तीफा देने के बावजूद ये मंत्री कैसे बना दिए गए?

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, राज्यपाल के सचिव, राष्ट्रपति के कैबिनेट सचिव, भारत निर्वाचन आयोग, मंत्रियों- तुलसीराम सिलावट, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंषाना, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, डॉ. महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह, विजेंद्र सिंह यादव, गिरिराज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ व ओपीएस भदौरिया को नोटिस जारी किए।

यह याचिका छिंदवाड़ा निवासी अधिवक्ता आराधना भार्गव की ओर से दायर की गई है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि कांग्रेस की निर्वाचित सरकार गिराने के लिए मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुआई में साजिश रची गई। इसके तहत 22 कांग्रेस विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बाद मे भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इनमें से 14 को मंत्री बना दिया।

जवाब पेश करने के लिए 14 दिसंबर तक का समय दिया गया है।

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