नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में ठेका दिलाने वाला गिरोह तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमे बताया गया है कि एयरपोर्ट में मिट्टी खुदाई का ठेका मध्य प्रदेश की कंपनी को मिला है। वायरल पत्र के अनुसार कंपनी को 500 करोड़ का काम मिल गया है अब यह काम दूसरी कंपनियों (सबलेट) को दिया जाएगा। काम करने की इच्छुक कंपनियां उनसे संपर्क कर सकती हैं।

जेवर एयरपोर्ट की जमीन अभी विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हैंडओवर नहीं की गई है। इसके पहले ही वहां के टेंडर मिलने के फर्जी पत्र वायरल हो रहे हैं।

यह पत्र नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के पास पहुंचा तो इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए। इस तरह के और भी गिरोह सक्रिय हो सकते हैं।

20 मार्च 2021 को जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी जमीन पर कार्य आवंटन किए जाने से संबंधित एक पत्र नियाल के संज्ञान में आया है। इसमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार का जिक्र कर फर्जी ढंग से जमीन से जुड़े कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये के टेंडर का अप्रूवल दिखाया जा रहा है। कंपनी के कॉलम में किसी का नाम नहीं लिखा था। ऑफिस के पते में अनूपपुर मध्य प्रदेश दर्ज है। बताया जाता है कि यह लोगों को ठगने का प्रयास है। इसके जरिए वह इस काम के लिए छोटी-छोटी कंपनियों को अपने झांसे में लेंगे और उनसे पैसे ठग लेंगे।

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 सेक्टर में विकसित होगा यानि यह 3200 एकड़ जमीन है। जबकि पत्र में 5000 एकड़ जमीन के लिए टेंडर मिलना बताया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पत्र पूरी तरह से फर्जी लग रहा है।

गिरोह ने लोगों को फंसाने के लिए कई तरह की जानकारी दी है। दावा किया गया है कि काम लेने वाली कंपनी को डीजल का पेमेंट एडवांस में दिया जाएगा। यह पैसा बिल में काटा जाएगा। इसके अलावा 21 दिन में काम करने वाली कंपनी का बिल पेमेंट किया जाएगा। बताया गया है कि यहां पर मिट्टी की खुदाई और और उसको दूसरी जगह पहुंचाने का काम करना है।

जब इस बारे में अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट को बनाने की जिम्मेदारी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी और उसकी एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की है। उसमें उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं है। टेंडर यही दोनों कंपनियां करेंगी। नियाल का इसमें कोई रोल नहीं है। 

मामले की गंभीरता को देखते हुए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। प्राधिकरण के एसीईओ रविंद्र सिंह ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं।

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