टूजी स्पेक्ट्रम मामले में अब केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली हाइकोर्ट में पैरवी करेंगे। तुषार मेहता को टूजी मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है। बता दें की टूजी स्पेक्ट्रम मामले में निचली अदालत में पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद ग्रोवर को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था। लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला देते समय आनंद ग्रोवर की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि टूजी मामलों में अभियोजन की गुणवत्ता पूरी तरह से खराब रही और मुकदमे के अंत तक पहुंचते समय यह दिशाहीन हो गई। विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने कहा था कि सीबीआई ने अपने मामले की शुरुआत बहुत उत्साह और जोश के साथ की थी लेकिन सुनवाई के अंतिम चरण में, ग्रोवर और सीबीआई के नियमित अभियोजक बिना किसी समन्वय के दो अलग अलग दिशाओं में आगे बढ़े।
गौरतलब है कि मामले की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने, सुप्रीम कोर्ट के अब न्यायाधीश, वरिष्ठ वकील यू यू ललित को टूजी मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था। बाद में जब ललित शीर्ष अदालत के न्यायाधीश नियुक्त हुए तो सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों के मामलों के लिए आनंद ग्रोवर को विशेष लोक अभियोजक बनाया था।
सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य से जुड़े सीबीआई के मामले में 1552 पेज के अपने फैसले में कहा है कि शुरुआत में, अभियोजन ने बहुत उत्साह और जोश के साथ् मामले की शुरुआत की। हालांकि, मामले के आगे बढ़ने पर, यह अपने रूख में बहुत सतर्क और चौकन्ना हो गया जिससे यह पता करना बहुत मुश्किल हो गया कि अभियोजन क्या साबित करना चाहता है। अदालत ने कहा कि हालांकि अंत तक आते- आते अभियोजन की गुणवत्ता पूरी तरह से खराब हो गई और यह दिशाहीन और संकोची हो गया। बहुत ज्यादा लिखने की जरूरत नहीं क्योंकि साक्ष्यों पर गौर करने से ही चीजें साफ हो जाती हैं। अदालत ने सीबीआई और उसके विशेष लोक अभियोजक के व्यवहार का भी कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि उनकी तरफ से कई आवेदन और जवाब दायर किये गये लेकिन सुनवाई के अंतिम चरण में, कोई वरिष्ठ अधिकारी या अभियोजक इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिये तैयार नहीं था।