मध्य प्रदेश में चुनावी साल से पहले बीजेपी के लिए परेशानी पैदा होने लगी है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक राज्य में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, वहीं पार्टी अंदरुनी कलह का शिकार हो रही है। विधानसभा का सत्र चल रहा है। सत्र के दौरान ही बीजेपी की एक विधायक अपनी सरकार के मंत्री के खिलाफ आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई। रीवा के सिमरिया विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नीलम मिश्रा ने शिवराज सिंह सरकार में ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

सदन में मंत्री पर आरोप लगाने के साथ ही नीलम मिश्रा धरने पर बैठ गईं। इसके चलते सदन की कार्यवाही लगभग 15 मिनट तक बाधित रही। नीलम मिश्रा का साथ देने के लिए बीजेपी का कोई विधायक तो सामने नहीं आया, बल्कि कांग्रेस की महिला विधायकों ने जरूर उनका साथ दिया। नीलम मिश्रा का कहना है कि झूठे मामले में फंसाकर उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने साफ-साफ आरोप लगाया कि पुलिस राजेंद्र शुक्ल के इशारे पर काम कर रही है। उनके जिला पंचायत अध्यक्ष पति को फंसाने की साजिश रची जा रही है।

नीलम मिश्रा ने अपने पति की हत्या की आशंका भी जताई है। उनका कहना है कि राजेंद्र शुक्ल के इशारे पर पुलिस उनके पति को फर्जी मुठभेड़ में मार भी सकती है। विधायक ने आईजी जोन से मिलकर अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। लेकिन उनके मुताबिक पुलिस उन लोगों की सुनवाई नहीं कर रही है। सदन में अपना दुखड़ा सुनाते हुए विधायक ने कहा कि सदन में यह उनका आखिरी भाषण है। उन्हें आगे चुनाव भी नहीं लड़ना, जिस तरह से उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है, उससे उन्हें बहुत तकलीफ हो रही है। उनकी कहीं सुनवाई भी नहीं हो रही है।

लेकिन, अपनी सरकार के मंत्री पर आरोप लगाने वाली नीलम मिश्रा सदन में अलग थलग पड़ गईं। बीजेपी के किसी भी विधायक ने उनका साथ नहीं दिया। उनका साथ देने के लिए कांग्रेस के विधायक आगे आए। कांग्रेस विधायकों ने नीलम मिश्रा के हवाले के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन बीजेपी ने पलटवार करते हुए नीलम मिश्रा के आरोपों को कांग्रेस की साजिश करार दे दिया।

साफ है कि विधायक के आरोपों में कितना दम है, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन ये मुद्दा सियासी रूप लेने लगा है। चुनावी साल से पहले बीजेपी विधायक के अपनी सरकार के मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों ने शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ मुद्दा तलाश रही कांग्रेस को बैठे बिठाए एक बढ़िया मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ चौतरफा हमले की तैयारी में है, ऐसे में नीलम मिश्रा के लगाए आरोप कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेंगे।

मोदी और शाह की जोड़ी के सामने खुद को असहाय पाने वाले कांग्रेस नेताओं के लिए शिवराज सिंह सरकार को कानून और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने का अच्छा मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस इन आरोपों के साथ इस मुद्दे को भुना सकती है कि जब बीजेपी के विधायक ही शिवराज सिंह के राज में सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं तो आम जनता का क्या हाल होगा। जाहिर है, ये मुद्दा अभी आगे और सियासी तेजी पकड़ेगा, जिस पर शिवराज सिंह सरकार के लिए जवाब देना आसान नहीं होगा।

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