एक के बाद इमारतों के गिरने के बाद अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन की नींद टूट गई है। ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में दो इमारतें और गाजियाबाद में एक इमारत गिरने के बाद अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन बेहद सख्त नजर आया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अवैध इमारतों को सात दिन में गिराने का निर्देश दिया है। इसको लेकर कई अवैध इमारतों में नोटिस भी चस्पा दिया गया है।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से दिए गए नोटिस में कहा गया कि इन अवैध इमारतों को बिल्डर सात दिन में तोड़कर गिरा दें। अगर आदेश को नजरअंदाज किया गया, तो अथॉरिटी खुद अवैध इमातों को गिराने की कार्रवाई करेगी। प्रशासन की इस कार्रवाई से बिल्डरों और फ्लैट खरीददारों की समस्याएं बढ़ गई हैं। इन इमारतों में रह रहे लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर वो अब परिवार को लेकर कहां जाएं।

आपको बता दें कि गाजियाबाद में रविवार को पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इमारत में कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि प्रसन्नजीत गौतम नाम के शख्स की ज़मीन है। बिल्डर मनीष गोयल नाम का व्यक्ति है। दोनों ही अभी पुलिस की पंहुच से दूर हैं। इन दोनों के परिवार वालों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। वहीं हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के एसएसपी को सख्त कार्रवाई करने को कहा है। सीएम की सख्ती के बाद दोषियों की गिरफ्तारी को पुलिस की चार टीमों का गठन कर दिया गया है।

वहीं इसस पहले 17 जुलाई को शाहबेरी में दो इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गईं थीं। इनमें दबकर नौ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन पर सवाल उठे थे, जिसके बाद सरकार ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक वीपी सिंह और सहायक महाप्रबंधक अख्तर अब्बास जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, जबकि विशेष कार्य अधिकारी विभा चहल का तबादला कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ नामजद केस भी दर्ज किया है और अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी की है।

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