सीबीआई ने एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पूर्व वित्रमंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ गुरुवार (19 जुलाई) को नई चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में सीबीआई ने चिदंबरम समेत 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। पटियाला हाउस कोर्ट 31 जुलाई को चार्जशीट पर संज्ञान लेगा।

सीबीआई ने दाखिल नई चार्जशीट में कुल 18 आरोपी बनाए हैं जिस में 11 व्यक्ति हैं और सात कंपनियां शामिल हैं। सीबीआई द्वारा दाखिल इस चार्जशीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पी. चिदंबरम ने कहा कि मेरे खिलाफ नई चार्जशीट दायर करने के लिए सीबीआई पर दबाव बनाया गया है. यह मामला अब कोर्ट में है और कोर्ट में ही इस मुद्दे को उठाया जाएगा। इस बारे में मैं सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहूंगा।

वहीं पी चिदंबरम के खिलाफ इस नई चार्जशीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आप इस सरकार और सीबीआई से क्या उम्मीद करते हैं। सीबीआई की यह नई चार्जशीट भी अन्य आरोपपत्रों की तरह ही होगी। याद रखें कि 2-जी मामले में क्या हुआ, सभी दोषमुक्त हुए, वही बात यहां भी होगी।

प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दाखिल चार्जशीट में कहा है कि एयरसेल ने 2006 में 3,500 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लाने के लिए इजाजत मांगी थी लेकिन वित्त मंत्रालय ने इन आंकड़ों में हेरफेर करके कम करके दिखाया। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने मामले को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के पास जाने से बचाने के लिए दिखाया कि एयरसेल ने सिर्फ 180 करोड़ रुपये की FDI के लिए इजाजत मांगी है। एजेंसी के मुताबिक उस समय लागू नियमों के अंतर्गत 600 करोड़ रुपये तक के विदेशी निवेश को वित्त मंत्री FIPB के जरिए मंजूरी दे सकते थे लेकिन ये मामला 3,500 करोड़ रुपये की एफडीआई की मंजूरी का था, इसके बावजूद उस समय वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने इसे कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दी। यह मामला वर्ष 2006 का है।

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