भारतीय सड़कों पर एक बार फिर एंबेसडर कार दौड़ती हुई नजर आएगी। फ्रांस की ऑटो विनिर्माता पीएसए ग्रुप जल्द ही भारत में अपना कामकाज शुरु करने वाला है। फ्रांस के PSA ग्रुप के पास प्‍यूजो, सिटरोएन और डीएस जैसे ब्रांड हैं। उसने भारत में एंबेसडर ब्रांड को खरीद लिया है और सीके बिड़ला ग्रुप के साथ  साथ 50:50 फीसदी हिस्सेदारी वाला ज्वाइंट वेंचर बनाया है।

कंपनी ने इंडियन मार्केट में अपनी पैठ जमाने के लिए फरवरी 2017 में 80 करोड़ रुपये में हिंदुस्तान मोटर्स से एंबेसडर ब्रांड खरीदा था और यह जल्द ही भारत में एंबेसडर कार बनाना शुरू कर सकती है।

PSA के प्रवक्ता ने उस समय कहा था, ‘आप कल्पना कर सकते हैं कि यह नाम (एंबेसडर) PSA के लिए कितना अहम है, यह ब्रांड असल में एंबेसडर से ज्यादा मशहूर है।

आपको बता दें कि कंपनी ने अभी एंबेसडर ब्रांड को रिवाइव करने से जुड़े अपने प्लान का अधिकारिक खुलासा नहीं किया है। लेकिन, कंपनी ने इस ब्रांड को खरीदने में जितना पैसा लगाया है, उससे लगता है कि अगर कंपनी भारत में दोबारा एंबेसडर बनाती है तो यह उसके लिए घाटे का सौदा नहीं होगा।

पिछले साल नवंबर में PSA और CK बिड़ला ग्रुप ने तमिलनाडु के होसुर में अपने पावरट्रेन प्लांट के कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया है। इस ज्वाइंट वेंचर ने व्हीकल और पावरट्रेन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के लिए 700 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट प्लान की घोषणा की है। पावरट्रेन प्लांट में शुरुआत में करीब सालाना 2 लाख यूनिट्स की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी होगी। होसुर का प्लांट 2019 की शुरुआत में चालू हो जाएगा।

पावरट्रेन मैन्‍यूफैक्‍चरिंग शुरू होने के बाद कंपनी अगले दो सालों में अपना ऑपरेशन भारत में पूरी तरह से शुरू कर देगी और ऐसी उम्‍मीद की जा रही है कि 2020 में कंपनी अपनी कारों को सड़कों पर उतार देगी। इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कंपनी की पहली कार हैचबैक होगी और इसके बाद क्रॉसओवर स्‍टाइल को लॉन्‍च किया जाएगा।

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