आम्रपाली बिल्डर्स और होम बायर्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली और उनके डेवलपर को कहा है कि उन्होंने जो करोड़ों रुपये होम बायर्स से लिए हैं उनका ब्यौरा कोर्ट में पेश करें।

कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से सवाल किया कि रुपया कहां से आया और किन कंपनियों को दिया गया? रकम किस रूप में दी गई, किसी काम के लिए एडवांस लिया गया, आप ने इन पैसों को कौन से आधर पर ट्रांसफर किया, RERA लागू होने से पहले या बाद में रकम ट्रांसफर की गई। इसकी पूरी डिटेल डेट वाइज दी जाए। कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट भी मांगी है।

इसके अलावा लिफ्ट लगाए जाने को लेकर कोर्ट ने कहा कि किन प्रोजेक्ट्स में लिफ्ट लगी है कितनी ऑपरेशनल हैं। अगर लिफ्ट लगी है और ऑपरेशनल नहीं है तो 2 महीने में इन्हें चालू करें। कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रोजेक्ट्स में कितने लोग रह रहे हैं इसका हिसाब भी लगाए और आम्रपाली और साथी डवलपर बिजली, पानी, सीवरेज के कनेक्शन के लिए अप्लाई करें ताकि समय रहते सुविधाएं दी जा सके।

मामले में नोएडा, ग्रेटर नॉएडा अथॉरिटी की निरीक्षण टीम प्रोजेक्ट्स में लिफ्ट, अग्निशमन, पानी, बिजली और सीवर की स्थिति पर मंगलवार को रिपोर्ट देगी।

आम्रपाली ग्रुप के हार्ट बीट सिटी के खरीदारों के मामले मे कोर्ट ने ग्रुप को कहा है कि 15 मई तक इस मसले पर अपना हलफनामा दाखिल करे। हार्ट बीट सिटी के खरीदारों का कहना है कि उनको उनकी रकम वापस चाहिए। हार्ट बीट सिटी के खरीदार 90 फीसदी तक रुपयों का भुगतान कर चुके हैं इसके बावजूद वो अपना पैसा वापस चाहते हैं। 15 मई तक मामले में ग्रुप को जवाब देना है। 16 मई को अगली सुनवाई होगी।

इससे पहले सुनवाई के दौरान फ्लैट खरीदारों की ओर से कहा गयाकि सहारा, यूनिटेक और जेपी की तरह आम्रपाली और इसके निदेशकों की निजी संपत्ति भी अटैच कर दी जाए। इनसे कम से कम 500 करोड़ रुपये जमा कराए जाएं, तब जाकर ये प्रोजेक्ट पूरे करेंगे।

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