प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बेहतर कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम व मुख्य सेविकाओं से बातचीत की। मोदी ने इस दौरान इन कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री कह सकता है कि उसके लाख हाथ हैं और ये आप सब हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘सरकार का ध्यान पोषण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर है। टीकाकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। इससे महिलाओं और बच्चों को खासी मदद मिलेगी। अब तक 3 करोड़ से ज्यादा बच्चों और 85 लाख से ज्यादा महिलाओं का टीकाकरण कराया गया है।’ मोदी ने आगे कहा कि पूर्वी देश की महिलाओं को इस बात की जानकारी है कि किस तरह इंसेफेलाइटिस की बीमारी बढ़ रही है। हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए कई मिशन शुरू किए हैं।

यही नहीं मोदी ने ये भी कहा कि ‘देश की हर मां पर बच्चों को मजबूत करने का जिम्मा है। पोषण यानी खानपान, टीकाकरण, स्वच्छता। पहले भी इसके बारे में लोग जानते थे लेकिन तब ऐसी कोई योजना नहीं थी। इन तमाम बातों में पहले बहुत अधिक सफलता नहीं मिली। बहुत कम संसाधनों वाले देश भी इस मामले में हम से आगे निकल गए हैं।

आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें तोहफा भी दिया है। पीएम ने मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान किया। नए मानदेय के मुताबिक, 3000 रुपये पाने वाले कार्यकर्ता को 4500 रुपये, 2200 रुपये पाने वाले को 3500 रुपये दिया जाएगा। वहीं आंगनबाड़ी सहायकों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 2250 रुपये कर कर दिया गया है।

इसके अलावा पीएम मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा आशा श्रमिकों को दिए जाने वाले इंसेंटिव में दोगुना इजाफा किया है। साथ ही आशा श्रमिकों और उनकी सहायकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत निशुल्क बीमा कवर दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मिशन इंद्रधनुष से देश में टीकाकरण को दूर-दराज इलाकों में भी बल मिला है वाकई आपने जीवन बचाने का कार्य किया है। मैं देश के उन हजारों-लाखों डॉक्टरों का भी आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जो बिना कोई फीस लिए, गर्भवती महिलाओं की जांच कर रहे हैं।

बच्चे को जिंदाकरने की कहानी
झारखंड के सरायकेला के उर्माल की रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मनीता देवी ने एक घटना की जानकारी पीएम मोदी को दी। मनीता ने बताया कि उर्माल में एक बार नवजात शिशु को परिवारवालों ने मृत मान लिया था। जब मनीता ने जिद कर बच्चा अपने हाथ में लिया तो उसकी धड़कनें चल रही थी। तब मनीता ने तुरंत एक पाइप के जरिए बच्चे के नाक और मुंह से पानी निकाला और इसके तुरंत बाद बच्चा रोने लगा। मनीता ने बच्चे की मां मनीषा को उसे अपना दूध पिलाने को कहा। मनीषा और उसके बच्चे को अस्पताल ले जाया गया।  जहां दोनों का इलाज हुआ। इस घटना को सुनने के बाद पीएम मोदी ने जोर से ताली बजाते हुए और मनीता की तारीफ की।

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