Balakot Air Strike: 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा आतंकी हमला जम्मू और कश्मीर में हुए सबसे बड़े हमलों में से एक था। इसमें 40 सीआरपीएफ कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी। पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के घर में घुसकर बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी। पुलवामा अटैक का बदला लेने के लिए केंद्र सरकार पर भी भारी दबाव था। बता दें कि आज बालकोट एयर स्ट्राइक की चौथी वर्षगांठ है। भारत ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर में 350 आतंकवादियों और प्रशिक्षकों की हत्या कर दी। 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ हवाई शक्ति का उपयोग किया था। आइये यहां बालाकोट एयर स्ट्राइक की इनसाइड स्टोरी बताते हैं:
स्ट्राइक का नाम था ‘ऑपरेशन बंदर’
इस स्ट्राइक को ‘ऑपरेशन बंदर’ नाम दिया गया था। हालांकि, नाम के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है। लोगों का मानना है कि बंदरों ने हमेशा भारत की युद्ध संस्कृति में एक विशेष स्थान रखा है। महाकाव्य रामायण में भगवान राम के भक्त हनुमान, चुपचाप लंका में घुस गए थे और दानव राजा रावण की पूरी राजधानी शहर को नष्ट कर दिया। इस ऑपरेशन को भी इसी तरह अंजाम दिया गया। भारतीय वायुसेना पाकिस्तान में घुसे और आतंकी शिविरों पर कहर बरपा दिया।
ऐसे दिया गया था Balakot Air Strike को अंजाम?
जगह: बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मानशेरा जिले का एक शहर है। यह नियंत्रण रेखा (LOC) से लगभग 50 किमी दूर है। खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि यहां जैश-ए-मोहम्मद का ट्रेनिंग कैंप है। यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर एबटाबाद में अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सेनाओं ने मार गिराया था।
ऑपरेशन: 26 फरवरी को, 12 मिराज ने कई हवाई ठिकानों से उड़ान भरी और LoC पार किया। जैश-ए- मोहम्मद के टेरर कैंप पर ताबड़तोड़ बमबारी की गयी। IAF पायलटों ने पांच स्पाइस 2000 बम गिराए, जिनमें से चार कैंप पर गिरे। सो रहे आंतकवादियों की दर्दनाक मौत हुई। हमले 3:30 बजे किए गए और कुछ ही मिनटों के भीतर अपने लक्ष्यों को साधने के बाद, IAF जेट्स अपने ठिकानों पर लौट आए।
स्ट्राइक के बाद क्या हुआ?
पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) ने अगले दिन जम्मू के राजौरी क्षेत्र में हमला किया। विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तानी फाइटर जेट, एफ -16 का पीछा किया और गोली मार दी। तभी अचानक उनका विमान क्रैश हो गया। बाल-बाल बचे अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में जा गिरे। पाकिस्तानी फौजियों ने उन्हें कैद कर लिया। बाद में, पाकिस्तान को 1 मार्च को विंग कमांडर अभिनंदन को रिलीज़ करने के लिए मजबूर किया गया। पाकिस्तानियों की एक बार फिर हार हुई और वीर विंग कमांडर की वतन वापसी हुई।
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