बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना आज से भारत दौरे पर हैं। लगभग सात साल बाद बांग्लादेश का कोई प्रधानमंत्री भारत दौरे के लिए आएगा। बताया जा रहा है कि हसीना के इस दौरे से दोनों देशों के बीच  सुरक्षा के साथ-साथ 25 अन्य समझौते होंगे। हसीना अपनी इस भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति भवन में ठहरेंगी।

हसीना को लेने खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एयरपोर्ट पहुंचे। खास बात यह रही कि एयरपोर्ट जाने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला लोक कल्याण मार्ग से दिल्ली एयरपोर्ट तक नॉर्मल ट्रैफिक में ही गया। इस दौरान उस रूट पर पर किसी तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। सामान्य ट्रैफिक को बाधित किए बिना पीएम मोदी का काफिला एयरपोर्ट पहुंचा। आम तौर पर प्रधानमंत्री जब अपने काफिले के साथ बाहर निकलते हैं तो उनकी सुरक्षा बेहद कड़ी रहती है। जिस रूट से उन्हें गुजरना होता है वहां 10 मिनट पहले ट्रैफिक को रोक दिया जाता है।

भारत और बांग्लादेश के शीर्ष नेताओं में बातचीत के दौरान तीस्ता जल बंटवारा सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही साथ आंतकवाद से निपटारा, सुरक्षा सहयोग, कट्टरपंथ पर काबू जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। हालांकि भारत तीस्ता समझौते में सफलता को लेकर पूर्ण रूप से तैयार नहीं है, जिसका मुख्य कारण पश्र्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। ममता बनर्जी लगातार तीस्ता समझौते का विरोध करती आ रही है। ममता बनर्जी का कहना है इस समझौते से तीस्ता नदी में पानी की कमी आएगी जिससे बंगाल के छह जिलों में खेती पर असर पड़ेगा। केंद्र सरकार इस फैसले में ममता को शमिल किए बिना आगे नहीं बढ़ना चाहती है। बताया जा रहा है कि शेख हसीना के सम्मान में आयोजित किए भोज में ममता भी शामिल होंगी।

इससे पहले भी सितंबर 2011 में तीस्ता समझौता होने वाला था लेकिन अंतिम समय में ममता बनर्जी के आपत्ति व्यक्त करने पर इस समझौते को रोक दिया गया था। बांग्लादेश के लिए तीस्ता समझौता बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि दिसंबर से लेकर मार्च के बीच के समय में बांग्लादेश को पानी की कमी होती है और साथ ही जल का प्रवाह अक्सर अस्थायी रुप से 1,000 क्यूसेक से लेकर 5,000 क्यूसेक से भी नीचे चला जाता है। बांग्लादेश का लगभग 14 फीसदी इलाका सिंचाई के लिए इसी नदी पर निर्भर है। तीस्ता समझौता बांग्लादेश के साथ-साथ भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समझौते के चलते भारत को बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाने में सहायता मिलेगी।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे से दोनों देशों को कई उम्मीदें हैं अब यह देखना आवश्यक होगा कि दोनों देशों के बीच तीस्ता सहित किन मुद्दे पर सहमति बनती है।

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