Bhagwan Ganesh जी को दूर्वा करें अर्पित, मिटेंगे सभी क्‍लेश, चमकेंगे किस्‍मत के सितारे

Bhagwan Ganesh: गणेशजी को दूर्वा एक खास तरीके से चढ़ाई जाती है। दूर्वा का जोड़ा बनाकर गणेशजी को चढ़ाया जाता है। 22 दूर्वा को एक साथ जोड़ने पर दूर्वा के 11 जोड़े तैयार हो जाते हैं। इन 11 जोड़ों को गणेशजी को चढ़ाना चाहिए।

0
240
Bhagwan Ganesh
Bhagwan Ganesh

Bhagwan Ganesh: विघ्‍नहर्ता और कल्‍याणकर्ता देवाधिदेव श्रीगणेश जी महाराज को खुश कर, उनका आशीर्वाद प्राप्‍त कर कोई भी व्यक्ति निश्‍चित तौर पर सफलता प्राप्‍त कर सकता है। भगवान गणेश जी को तुलसी दल छोड़कर सभी पुष्‍प प्रिय हैं। इन सभी में उन्‍हें दूर्वा अधिक प्रिय है।

ऐसे में भक्‍त को उन पर सफेद या हरी दूर्वा या घास अवश्‍य चढ़ानी चाहिए। दरअसल दूर्वा दू:+अवम से मिलकर बना है।जिसका अर्थ होता है दू: यानी दूरस्‍थ और अवम यानी वह जो पास लाता है। दूर्वा वह है जो गणेश के दूरस्‍थ भक्‍तों को उनके पास लाती है। मान्यता है कि भगवान गणेश के पूजन में दूर्वा चढ़ाने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकानाओं को पूरा करते हैं।

Bhagwan Ganesh and Durva pujan.
Bhagwan Ganesh .

Bhagwan Ganesh: जानिये दूर्वा चढ़ाने के पीछे की कथा

समुद्र मंथन की कथा के अनुसार अमृत कलश को लेकर देवाताओं और असुरों के बीच में खींचतान हुई। इस खींचतान में अमृत की कुछ बूंदे धरती पर जहां गिरी वहां पर दूर्वा उगी हुई थी। माना जाता है कि इस कारण ही दूर्वा अमर है और कभी पूरी तरह समाप्त नहीं होती।
पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम के एक दैत्य ने स्वर्ग और धरती पर आतंक मचा रखा था। सभी देवता और ऋषि-मुनि उसके आतंक से त्राहि-त्राहि कर रहे थे।

अंततः देवराज इंद्र ने सभी देवताओं और ऋषि-मुनियों के साथ महादेव से अनलासुर के आतंक को समाप्त करने का अनुरोध किया। महादेव ने देवराज इंद्र को बताया कि अनलासुर का वध केवल गणेश ही कर सकते हैं।

Lord Ganesh
Bhagwan Ganesh.

Bhagwan Ganesh: भगवान गणेश ने देवों और ऋषि-मुनियों के अनुरोध को स्वीकर कर लिया। गणेश जी ने अनलासुर को अपने उदर में निगल लिया। इस तरह से धरती और स्वर्ग को अनलासुर के आतंक से मुक्ति मिल गई। लेकिन अग्नि की तरह गर्म अनलासुर को निगलने के कारण गणेश जी के पेट में तेज जलन होने लगी। तब ऋषि कश्यप ने भगवान गणेश को एक-एक करके 21 गांठ दूर्वा खिलाई। जिससे उनके पेट की जलन शांत हुई। तब से मान्यता है कि भगवान गणेश को पूजन में दूर्वा चढ़ाने की परंपरा विकसित हुई।

Bhagwan Ganesh: यहां जानिये दूर्वा चढ़ाने का सही तरीका

गणेशजी को दूर्वा एक खास तरीके से चढ़ाई जाती है। दूर्वा का जोड़ा बनाकर गणेशजी को चढ़ाया जाता है। 22 दूर्वा को एक साथ जोड़ने पर दूर्वा के 11 जोड़े तैयार हो जाते हैं। इन 11 जोड़ों को गणेशजी को चढ़ाना चाहिए। पूजा के लिए किसी मंदिर के बगीचे में उगी हुई या किसी साफ जगह पर उगी हुई दूर्वा ही लेना चाहिए।

Bhagwan Ganesh: जानिए दूर्वा का महत्व

Bhagwan Ganesh: दूर्वा को दूब, अमृता, अनंता, महौषधि आदि नामों से जाना जाता है।ऐसा कोई मांगलिक कार्य नहीं है, जिसमें हल्दी और दूब की जरूरत न पड़ती हो शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्यों में जब दूर्वा से हल्दी छिड़की जाती है तो ऐसा लगता है कि मानो सौभाग्य छिड़का जा रहा हो।

विवाह के दौरान गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती में सिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें बांधी जाती हैं, जिनका अपना-अपना महत्व होता है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here