त्रिपुरा में पहली बार भगवा परचम फहराने में बीजेपी कामयाब रही। बीजेपी ने यहां  25 साल से सत्तारूढ़ माणिक सरकार को बाहर कर दिया। जहां एक और आज मेघालय में कॉनराड संगमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। वहीं 9 मार्च को विपल्व देव कुमार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे और शपथ लेंगे। शपथ लेने से पहले विपल्व देव के बारे में ये अहम बातें जानना जरुरी है।

विपल्व देव बेहद लो प्रोफाइल रहकर अपना काम करते हैं और उसे अंजाम तक पहुंचाने में पूरी शिद्दत के साथ जुड़े रहते हैं। बता दें कि त्रिपुरा में इतने आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद नेशनल मीडिया में शायद ही उनका कोई बयान चर्चा का विषय बना हो। विपल्व देव की सबसे बड़ी पूंजी है उनकी राजनीतिक शुचिता। 

पीएम मोदी ने भेजा त्रिपुरा

विपल्व देव आरएसएस के कार्यकर्ता रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास दिलचस्पी थी। इसलिए साल 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद विपल्व देव को दिल्ली से त्रिपुरा भेज दिया, ताकि बीजेपी वहां अपनी पैठ जमा सके विपल्व देव को साल 2016 में बीजेपी ने राज्य का अध्यक्ष बनाया था।

प्रोफेशनल जिम इंस्‍ट्रक्‍टर के तौर पर किया काम

उनका जन्‍म त्रिपुरा के उदयपुर जिले में हुआ था जिसे आज गोमती जिले के नाम से जाना जाता है। उनकी स्‍कूली पढ़ाई लिखाई त्रिपुरा में हुई। ग्रेजुएशन की पढ़ाई त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से करने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए दिल्‍ली आ गए। दिल्‍ली में उन्‍होंने प्रोफेशनल जिम इंस्‍ट्रक्‍टर के तौर पर भी काम किया और फिर 15 साल बाद त्रिपुरा वापस लौट गए।

RSS से पुराना नाता

विपल्व देव करीब सात साल तक आरएसएस के कार्यकर्ता रह चुके हैं। चुनावों से पहले वो त्रिपुरा के पिछड़े इलाकों में हुए चुनावों में भी हिस्‍सा ले चुके हैं। 8 अगस्‍त 2017 को विपल्व देव ने कांग्रेस के विधायक सुदीप रॉय बर्मन और पांच विधायकों को बीजेपी में शामिल कराया था। इसके बाद उन्‍हें विधानसभा चुनावों की जिम्‍मेदारी सौंपी गई थी। 

पंजाबी लड़की से की शादी

विपल्व देव की शादी एक पंजाबी लड़की से हुई और वो एक बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उनकी पत्नी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं।

त्रिपुरा में पहली बार भगवा परचम फहराने में बीजेपी कामयाब रही। बीजेपी ने यहां  25 साल से सत्तारूढ़ माणिक सरकार को बाहर कर दिया। जहां एक और आज मेघालय में कॉनराड संगमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। वहीं 9 मार्च को विपल्व देव कुमार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे और शपथ लेंगे। शपथ लेने से पहले विपल्व देव के बारे में ये अहम बातें जानना जरुरी है।

विपल्व देव बेहद लो प्रोफाइल रहकर अपना काम करते हैं और उसे अंजाम तक पहुंचाने में पूरी शिद्दत के साथ जुड़े रहते हैं। बता दें कि त्रिपुरा में इतने आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद नेशनल मीडिया में शायद ही उनका कोई बयान चर्चा का विषय बना हो। विपल्व देव की सबसे बड़ी पूंजी है उनकी राजनीतिक शुचिता। 

पीएम मोदी ने भेजा त्रिपुरा

विपल्व देव आरएसएस के कार्यकर्ता रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास दिलचस्पी थी। इसलिए साल 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद विपल्व देव को दिल्ली से त्रिपुरा भेज दिया, ताकि बीजेपी वहां अपनी पैठ जमा सके विपल्व देव को साल 2016 में बीजेपी ने राज्य का अध्यक्ष बनाया था।

प्रोफेशनल जिम इंस्‍ट्रक्‍टर के तौर पर किया काम

उनका जन्‍म त्रिपुरा के उदयपुर जिले में हुआ था जिसे आज गोमती जिले के नाम से जाना जाता है। उनकी स्‍कूली पढ़ाई लिखाई त्रिपुरा में हुई। ग्रेजुएशन की पढ़ाई त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से करने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए दिल्‍ली आ गए। दिल्‍ली में उन्‍होंने प्रोफेशनल जिम इंस्‍ट्रक्‍टर के तौर पर भी काम किया और फिर 15 साल बाद त्रिपुरा वापस लौट गए।

RSS से पुराना नाता

विपल्व देव करीब सात साल तक आरएसएस के कार्यकर्ता रह चुके हैं। चुनावों से पहले वो त्रिपुरा के पिछड़े इलाकों में हुए चुनावों में भी हिस्‍सा ले चुके हैं। 8 अगस्‍त 2017 को विपल्व देव ने कांग्रेस के विधायक सुदीप रॉय बर्मन और पांच विधायकों को बीजेपी में शामिल कराया था। इसके बाद उन्‍हें विधानसभा चुनावों की जिम्‍मेदारी सौंपी गई थी। 

पंजाबी लड़की से की शादी

विपल्व देव की शादी एक पंजाबी लड़की से हुई और वो एक बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उनकी पत्नी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं।

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