वर्तमान समय में चीन चारों तरफ से घिरा नजर आ रहा है। इस समय उसकी गुंडागर्दी उसी को भारी पड़ रही है। एक तरफ जहां डोकलाम विवाद को लेकर वो भारत पर सैन्य कार्रवाई का दमखम दिखा रहा है वहीं अन्य देशों के आंतरिक मामलों में भी वो हस्तक्षेप करने लगा है। उसके इसी गुंडागर्दी का जवाब दिया है एक ऐसे देश ने जो कहने को छोटा है किंतु उसका स्वाभिमान और इच्छाशक्ति काफी मजबूत है। अपनी हीरों की खानों के लिए पहचाने जाने वाला देश बोत्सवाना ने चीन को चेतावनी दी कि वो अपने काम से काम मतलब रखे।

दरअसल, दलाई लामा 17 अगस्त से 19 अगस्त तक बोत्सवाना की राजधानर गाबोरोने का दौरा करने वाले थे। उनका बोत्सवाना दौरा एनजीओ माइंड एंड लाइफ इंस्टीट्यूट और बोथो यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित किया गया था। इस दौरे के विरोध में चीन बोत्सवाना पर दबाव बना रहा था। वह आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के प्रस्तावित दौरे को लेकर बोत्सवाना को राजनीतिक और कूटनीतिक परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था। हालांकि दलाई लामा अपने खराब स्वास्थ्य के चलते इस दौरे पर नहीं जा सके और उन्हें यह दौरा रद्द करना पड़ा।

लेकिन बोत्सवाना के राष्ट्रपति इयान खामा ने चीन के इस स्वभाव पर गंभीरता दिखाते हुए कहा कि  हम चीन की धमकियों से डरते नहीं हैं बोत्सवाना चीन की कॉलोनी नहीं है और न ही हम उसके गुलाम हैं। बता दें कि बोत्सवाना एक दक्षिण अफ्रीकी देश है। उसकी इस हिम्मत का असर चीन पर पड़े या न पड़े लेकिन भारत के लिए यह एक प्लस प्वाइंट जरूर है।

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