ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में धाराशाई हुई दो बिल्डिंगों के सदमें से अभी लोग अबरे भी नहीं थे कि गाजियाबाद में भी एक निर्माणाधीन इमारत जमींदोज हो गई। रेत के महल की तरह भरभरा कर गिरी इस इमारत में वहां काम करने वाले मजदूर और उनके परिवार दब गए। राहत और बचाव कार्य जब तक शुरू होता। एक मजदूर ने दम तोड़ दिया था जबकि एक मासूम समेत सात लोगों को सुरक्षित मलबे से निकाला गया।

राहत और बचाव कार्य अभी चल रहा है। मृतक के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद का एलान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के एसएसपी से सख्त कार्रवाई करने को कहा है। पुलिस बिल्डर मनीष गोयल की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें बना दी है। सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि जमीन प्रसन्नजीत गौतम नामक व्यक्ति की है। ये इमारत गाजियाबाद के डासना क्षेत्र में निर्माणाधीन थी। पांच मंजिला इमारत बारिश की बौछारों को नहीं झेल पाई और रेत के महल की तरह भरभरा कर गिर गई। बिल्डिंग के मलबे में कई लोग दब गए।

पुलिस प्रशासन को सूचना देने के साथ ही स्थानीय लोग अपने स्तर से ही बचाव कार्यों में जुट गए। कुछ ही देर बाद पुलिस और प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गए। मलबे के नीचे दबे लोगों को जब तक निकाला जाता एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया था। एक मासूम समेत सात लोगों को सुरक्षित निकाला गया। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर जिलाधिकारी ऋतु माहेश्वरी भी पहुंचीं। उन्होंने हादसे कारणों के लिए निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की आशंका जताई। साथ ही घटना के पीछे सही कारणों का पता लगाने के लिए मजिट्रेटी जांच के आदेश भी दिए।

एसडीएम मामले की जांच करेंगे। डीएम ने कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ की टीम के लगने से लोगों को मलबे से समय रहते निकाला गया। एनडीआरएफ की बचाव टीम के साथ कमांडेंट भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि मलबे से सात लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। आसमान से बरसती पानी की बूंदों ने जमीन पर बने बिल्डरों और अधिकारियों के नापाक गठजोड़ को उजागर कर दिया है। बेइमानी की नींव पर खड़ी इमारतें एक के बाद एक धाराशाई हो रही हैं। अभी पिछले दिनों ही ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में दो इमारतें गिर गई थीं। जिसमें नौ लोग मारे गए थे। इसमें बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है। कई लोगों को गिरफ्तारी भी हुई है। इसी इलाके में एक और इमारत भी गिरने की कगार पर पहुंच गई है। जिसे खाली कराया गया है जबकि परी चौक के पास तेरह मंजिला इमारत झुक गई है। उसके कभी भी धाराशाई हो जाने का खतरा बना हुआ है।

                                                                                                                        एपीएन ब्यूरो

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