भारत में जातिवाद के दरवाजे इतने खुल गए हैं कि अब वो भारत को ही बंद करवा रहे हैं। पहले अपने हक के लिए पिछड़ी जातियों ने भारत बंद करवाया और अब सवर्ण जातियों ने आरक्षण के विरोध में और पिछली बार हुए भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के विरोध में भारत को बंद करवाया। इसी तरह जातियां बढ़ेगी, आरक्षण में राजनीति होती रहेगी, साल दर साल कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिलेंगे। साथ ही साथ हिंसा मे कुछ लोग भी मरेंगे और इसी तरह भारत बंद होता रहेगा। बता दें कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दो अप्रैल को दलितों ने ‘भारत बंद’ किया था। इसी तरह आज भी भारत बंद का आह्वान किया गया।

कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर सबसे ज्यादा बिहार में देखने को मिल रहा है। यहां आरा में दो समुदायों के बीच झड़प की खबरें सामने आ रही हैं और घटनास्‍थल पर गोलियों की आवाज सुनी गईं। यहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को भी रोक दिया। वहीं, मध्‍यप्रदेश के भिंड-मुरैना में ऐहतियातन सख्‍ती बरती जा रही है। पंजाब के फिरोजपुर में एससी/एसटी और जनरल के दो गुट आपस में भिड़ गए। इनमें झगड़ा होने पर दो दर्जन के करीब लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं जहानाबाद के राजाबार में बंद समर्थकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने चलाई लाठियां। इसके बाद उग्र लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डीएम-एसपी मौके पर पहुंचे।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने राज्यों को भारत बंद के संबंध में परामर्श जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी इलाके में हिंसा हुई, तो इसके लिए वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।

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