केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी की नजर मुकदमेबाजी के बढ़ते बोझ पर है। अब सीबीडीटी ने मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने की योजना बनाई है। आयकर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 50 करोड़ रुपये से अधिक राशि वाली लंबित अपीलों को दिसंबर अंत तक निपटाया जाए। सीबीडीटी ने 2018-19 के लिये केंद्रीय कार्रवाई योजना जारी की। ये आयकर विभाग के लिये नीतिगत कार्रवाई दस्तावेज है।

बोर्ड ने कर अधिकारियों को ‘ए’ श्रेणी अपीलों को इस वर्ष दिसंबर तक निपटाने का निर्देश दिया है। इस श्रेणी में 50 करोड़ रुपए की राशि से ऊपर वाले मामलों को रखा गया है। बोर्ड ने कहा कि मुकदमों की संख्या में कमी के लिए इस तरह के कदम उठाना जरूरी है। सीबीडीटी ने कहा कि एक साल के दौरान कम से कम 550 अपील निपटाने की उम्मीद रहेगी। इसमें ये भी कहा गया है कि कर संबंधी आदेश जारी करने में सफलता पाने वाली इकाइयों को पुरस्कार दिए जाएंगे। ये भी कहा गया है कि  आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में लंबित पड़े मामलों के संदर्भ में सीबीडीटी ने आयकर विभाग के उप-क्षेत्रीय प्रमुखों को 30 ऐसे शीर्ष मामलों की पहचान करने का निर्देश दिया है जिन्हें जल्द निपटाया जा सकता है।

सीबीडीटी ने कहा है कि एक अप्रैल 2018 तक विभाग में अपील के पहले स्तर के अधिकारियों के सामने 6.38 लाख करोड़ रुपये की वसूली के मामले लंबित हैं। इनमें से कुल 87,035 करोड़ रुपए की कर मांग की नोटिसों पर उच्चतर अपीलीय निकायों ने स्थगन आदेश दिया है। सीबीडीटी ने अपनी कार्य योजना में कहा कि इस तरह की मुकदमेबाजी के कारण कर की भारी रकम वसूल नहीं हो सकी है ये कर वसूली के लिए सुनिश्चितता का माहौल बनाने की दिशा में भी बाधक है।

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