लोकतंत्र के चार खंभों में सबसे महत्वपूर्ण और मजबूत खंभा ‘न्यायपालिका’ होता है। लेकिन अगर न्याय के रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो लोगों का न्यायपालिका से ही विश्वास उठ जाएगा। सीबीआई ने ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और पांच अन्य लोगों के खिलाफ कथित रूप से भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया है। मेडिकल कालेज में एडमीशन में भारी अनियमितता के कारण उड़ीसा हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस  इशरत मशरूर कुद्दूसी  के घर पर सीबीआई ने छापा मारा है जहां कई दस्तावेजों को एकत्र किया गया है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल कॉलेज में दाखिले का मामला चल रहा है। इस मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार देर शाम लखनऊ के प्रसाद इंस्टीट्यूट समेत देश के 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने गोमतीनगर में एल्डिको ग्रीन में प्रसाद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के मालिक बीपी यादव के आवास और रिटायर्ड जज इशरत मसरूर कुद्दुसी के ठिकानों पर छापे मारे हैं । सीबीआई प्रवक्ता भावना पांडे और सुधीर गिरी के अनुसार रिटायर्ड जज इशरत मसरूर कुद्दुसी, लखनऊ में मेडिकल कॉलेज संचालित करने वाले प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बीपी यादव, पलाश यादव और एक बिचौलिए बिश्वनाथ अग्रवाल व दो अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में केस दर्ज किया गया है। जस्टिस (रिटायर्ड) कुद्दुसी साल 2004 से 2010 के बीच ओडिशा हाईकोर्ट में जज थे।

सीबीआई द्वारा दिल्ली में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, यह मेडिकल कॉलेज देश के उन 46 मेडिकल कॉलेजों में से एक है, जिनमें मानकों की कमी के कारण केंद्र सरकार ने एक या दो साल तक प्रवेश लेने पर रोक लगा दी है। आरोप हैं कि बीपी यादव ने रिटायर न्यायाधीश के सहयोग से मामले को निपटाने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों को करोड़ों की रिश्वत देने की साजिश की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here