देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से होने वाली मौत को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। इस पर अब विराम लगने वाला है। सर्वोंच्च न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करने और दिशानिर्देशों को सरल बनाने के लिए जो आदेश जारी किए थे, उसका पालन करते हुए अब केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research, ICMR) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में आधिकारिक दस्तावेज जारी करने के लिए अपने दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्र सरकार ने कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए हलफनामा दायर कर जानकारी दी है।
Positive Report आने के 25 दिनों के भीतर ही 95% मौतें हो जाती हैं
केंद्र सरकार द्वारा दी हुई जानकारी के अनुसार, अगर कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 30 दिन के भीतर मौत हो जाती है तो उसे कोरोना से हुई मौत माना जाएगा। हालांकि अगर किसी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत 30 दिनों के बाद भी होती है तो उसे कोरोना से हुई मौत माना जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित मरीज की मौत अस्पताल या घर पर हुई हो दोनों ही स्थितियों में मान्य होगी।
केंद्र का कहना है कि ICMR की स्टडी में सामने आया है कि 95% मौतें पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 25 दिन के भीतर हो जाती हैं। इसलिए 30 दिनों की अवधि निर्धारित की गई है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि जहर, आत्महत्या, हत्या और दुर्घटना के कारण होने वाली मौतों को कोरोना से होने वाली मौत नहीं माना जाएगा भले ही उनको बाद में कोरोना संक्रमण हो गया हो।
मृतक के परिजनों को केंद्र ने क्या कहा ?
केंद्र के दिशानिर्देशों के मुताबिक जिनका RT-PCR परीक्षण, मॉलिक्यूलर परीक्षण, रैपिड-एंटीजन परीक्षण के माध्यम से किया गया है या किसी अस्पताल या इन-पेशेंट सुविधा में जांच के माध्यम से डॉक्टर द्वारा मेडिकल रूप से निर्धारित किया गया है।
केंद्र ने कोरोना से हुई मौत के उन मामलो के लिए भी दिशानिर्देश दिए है जो मामले हल नहीं हुए है। जिन मामलों में मौत के बाद फॉर्म 4 और 4 ए में मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ कॉज ऑफ डेथ (MCCD) पंजीकरण प्राधिकारी को जारी किया गया है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 की धारा 10 के तहत आवश्यक दिशानिर्देशों के अनुसार कोरोना से हुई मृत्यु के रूप में ही माना जाएगा।
हलफनामे के जरिए कोर्ट को यह भी बताया गया कि अगर मृतक के परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखे मौत के कारण से संतुष्ट नहीं होते हैं तो इस समस्या से निवारण करने के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी भी बनाई जाएगी।
केंद्र का यह हलफनामा Supreme Court के जून में दिए गए फैसले पर दिया गया है
जिला स्तर की इस कमेटी में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, CMO, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल या मेडिसिनल विभाग के हेड और मामलों के जानकार शामिल किए जाएंगे। जो कोरोना से हुई मौत के लिए दस्तावेज जारी करेंगे।
केंद्र ने बताया कि इनके लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य रजिस्ट्रारों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
दरअसल केंद्र का यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के जून में दिए गए फैसले पर दिया गया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोविड से जुड़े डेथ सर्टिफिकेट को जारी करे। कोरोना से हुई मौत पर जो सर्टिफिकेट पहले ही जारी किए जा चुके है उनमें सुधार किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए NDMA के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। जिसके बाद केंद्र ने हलफनामा दाखिल किया है।
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