चीफ जस्टिस रंजन गोगई ने बुधवार को कहा कि वह कुर्सी से उठने के बाद वकीलों से बात नहीं करते। चीफ जस्टिस गोगोई ने वरिष्ठ वकील राजीव धवन से कहा, हम खड़े होकर वकीलों से बात नहीं करते। कुर्सी पर बैठने के बाद वकीलों से बात करते हैं। यह हमारी कार्यप्रणाली है। इस पर धवन ने कहा, अगर ऐसा है तो हमें अगाह किया जाना चाहिए था।

चीफ जस्टिस और वरिष्ठ वकील धवन के बीच यह तकरार बुधवार को लंच के बाद तब हुई जब चीफ जस्टिस अपनी कुर्सी पर बैठे। वास्तव में जब चीफ जस्टिस और पीठ के अन्य सदस्य भोजनावकाश के लिए कुर्सी से उठ रहे थे उस वक्त वरिष्ठ वकील राजीव धवन पीठ के समक्ष कुछ मामले का उल्लेख करना चाहते थे। भोजनावकाश के बाद जब चीफ जस्टिस वापस लौटे तो उन्होंने धवन से पूछा कि आप लंच से पहले कुछ कहना चाहते थे। इस पर धवन ने कहा, नहीं, कुछ नहीं। मैं कुछ उल्लेख करना चाहता था लेकिन आप चले गए। लिहाजा अब मैं कुछ नहीं कहना चाहता।

जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा, हम लंच के लिए कुर्सी से उठ गए थे उस वक्त आप कुछ कहना चाहते थे। जब हम उठ गए हो तो ऐसे में कुछ उल्लेख करना उचित नहीं था। इस पर धवन ने कहा, मैं नहीं जानता कि वह उचित था या अनुचित लेकिन मैं यह जरूर कह सकता हूं कि अलग-अलग चीफ जस्टिस की अलग कार्यप्रणाली होती है। जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कुर्सी पर बैठ कर ही वकीलों से बात करते हैं न कि खड़े होकर।

इसके बाद सलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जा से संबंधित मामले में कहा कि अटॉर्नी जनरल की तबीयत ठीक नहीं है, ऐसे में मामले की सुनवाई टाली जाए। राजीव धवन ने कहा कि सुनवाई अगले हफ्ते में न की जाए क्योंकि वह व्यस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति के बाद सुनवाई टाल दी।

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