China – Pakistan दोनों ही भारत के पड़ोसी देश हैं और दोनों की भारत से नहीं बनती, चीन और पाकिस्तान दोनों भारत को हमेशा मात देने की फिराक में रहते हैं और हर बार मुंह की खाते हैं। अब दोनों मिलकर भारत के खिलाफ साजिश में जुटे हैं। ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के खिलाफ चीन ने अपनी सेना में पाकिस्तानी अधिकारी तैनात किए हैं और इन पाकिस्तानी अधिकारियों को एलएसी (LAC) के पास तैनात किया गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सेना के वेस्टन और सदर्न कमांड के मुख्यालय में पाकिस्तान के फौजी अफसर तैनात किए गए हैं। वेस्टर्न कमांड लद्दाख (Western Command Ladakh) और सदर्न कमांड तिब्बत इलाकों में नजर रखता है। चीन ने पिछले महीने ही जनरल वांग हैजिआंग को पश्चिमी कमांड का नया कमांडर नियुक्त किया था। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार पाक सेना के कर्नल रैंक के अधिकारी सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के जॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट (Joint Staff Department of the Central Military Commission) में तैनात हैं, जो चीनी सेना के लिए युद्ध की योजना, प्रशिक्षण और रणनीति बनाने का काम देखेंगे।

करीब 10 पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी बीजिंग स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के दफ्तर में तैनात किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी आर्मी में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की नियुक्ति ख़ुफ़िया सूचनाओं को साझा करने वाला समझौता होने के बाद किया गया है। News18.com की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले भी पाकिस्तान चीनी प्रोजेक्ट के देखरेख में अपने जवानों को नियुक्त कर चुका है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाक सीपीईसी और अपने देश में मौजूद चीनी नागरिकों की सुरक्षा में करीब 15000 जवानों को तैनात किया है। पाक ने पिछले दिनों एक विशेष विभाग बनाने का भी निर्णय लिया था जो चीनी प्रोजेक्ट और चीनी नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी।

पाक अधिकारियों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के मुख्यालय में तैनात किया जा रहा है। खुफिया इनपुट के मुताबिक, चीन के वेस्टर्न थिएटर कमांड और सदर्न थिएटर कमांड के मुख्यालय में पाकिस्तान संपर्क अधिकारी तैनात किए गए हैं। रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान के करीब 10 अतिरिक्त सैन्य अधिकारी, रक्षा अटैचमेंट के अलावा, खरीद संबंधी परियोजनाओं के लिए बीजिंग में पाकिस्तान दूतावास में भी तैनात किया है। पाकिस्तानी सेना द्वारा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और चीनी नागरिकों को नियमित सहायता प्रदान करने के मद्देनजर, पाकिस्तान के एक LO की पोस्टिंग से उन मुद्दों को कम करने में मदद मिलेगी जो दोनों देशों के बीच पैदा हो सकते हैं। वहीं एक भारतीय सरकारी अधिकारी ने कहा है कि भारत इस पर कड़ी नजर रख रहा है।

बता दें कि पीएलए की महत्वपूर्ण पश्चिमी रंगमंच कमान झिंजियांग और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के साथ भारत के साथ देश की सीमाओं का ख्याल रखती है। पीएलए की दक्षिणी रंगमंच कमान हांगकांग, मकाऊ के विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों की देखभाल करती है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और काम में शामिल लोगों की सुरक्षा के लिए अपने अर्धसैनिक बलों के 9,000 सैनिकों और 6,000 कर्मियों के साथ एक विशेष सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की थी। 2019 में पाकिस्तान सेना ने कहा था कि वह चीनी नागरिकों और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं की रक्षा के लिए विशेष सैनिकों की एक डिवीजनल ताकत बढ़ाएगी, इस परियोजना को पाकिस्तान और चीन के बीच दोस्ती के प्रमाण के रूप में संदर्भित करती है।

इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, जो लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने पूर्वी लद्दाख में अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। भारतीय सेना ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि सेना प्रमुख ने इलाके में तैनात जवानों से भी बातचीत की और उनके हौसले और उच्च मनोबल को बढ़ाने के लिए उनसे बातचीत की।

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