नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर देशभर के विश्वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शनों के बीच चीफ जस्टिस एस ए बोबडे का नागपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान एक बड़ा बयान सामने आया है। सीजेआई ने कहा है कि विश्वविद्यालय किसी प्रोडक्शन यूनिट की तरह काम नहीं कर सकते।

सीजेआई ने कहा, ”विश्वविद्यालय सिर्फ ईंट और गारे से बने ढांचे नहीं हैं। निश्चित तौर पर ये किसी प्रोडक्शन यूनिट की तरह काम नहीं कर सकतीं।” उन्होंने आगे कहा कि यूनिवर्सिटी का विचार दिखाता है कि हम एक समाज के रूप में क्या पाना चाहते हैं।

बता दें कि चीफ जस्टिस बोबडे का बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि जामिया से लेकर जेएनयू तक बीते कुछ समय से नागरिकता संशोधन कानून से लेकर फीस वृद्धि के मसले पर आंदोलन देखने को मिले थे। हालांकि, सीजेआई ने अपने बयान में सीएए का जिक्र नहीं किया है।

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