Congress 137th Foundation Day: बनता बिगड़ता रहा है Congress का इतिहास, जानें कैसे काम करता है कांग्रेस पार्टी का संगठन

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Congress,Congress 137th Foundation Day
Congress 137th Foundation Day

Congress 137 th Foundation Day: कांग्रेस पार्टी आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। इसकी स्थापना 28 दिसम्बर 1885 को 72 व्यक्तियों के एक समूह द्वारा की गयी थी। इसकी स्थापना में, ए ओ ह्यूम (जो एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी थे), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा की अहम भूमिका रही थी। भारत की आज़ादी तक, Congress सबसे बड़ी और प्रमुख भारतीय दल के रूप मे रही। 1990 की दशक में पहली बार कांग्रेस पार्टी संसदीय राजनीति में पिछड़ने लगी। हालांकि अभी भी भारत के कई राज्यों में पार्टी का मजबूत जनाधार रहा है।

Congress की स्थापना का क्या था उद्देश्य?

कांग्रेस पार्टी की स्थापना प्रथम स्वंतत्रता संग्राम के ठीक 28 साल बाद हुई थी। इसकी स्थापना में शामिल दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा जैसे लोगों ने इसके लिए तय किया था कि यह भारत के लोगों की आवाज को बुलंद करेगी, लेकिन अंग्रेजी सरकार की नजर से बचने के लिए इसके स्थापना के लिए ए ओ ह्यूम को आगे कर पूरी प्रक्रिया की शुरुआत की गयी। कांग्रेस का पहला 4 दिवसीय अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुआ था, उस वक्त इस अधिवेशन के अध्यक्ष बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी को बनाया गया था।

कैसे काम करता है Congress का संगठन?

  • ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी जिसे AICC के नाम से जाना जाता है राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का काम देखती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा पार्टी के महासचिव, खजांची, पार्टी की अनुशासन समिती के सदस्य और सभी राज्यों के प्रभारी इसके सदस्य होते हैं।
  • प्रदेश कांग्रेस कमेटी जिसे PCC के नाम से जाना जाता है। हर राज्यों में कांग्रेस के लिए काम करती है। जिसका काम स्थानीय और राज्य स्तर पर पार्टी के कामकाज को देखना होता है।
  • कांग्रेस संसदीय दल जिसे CPP के नाम से जाना जाता है। राज्यसभा और लोकसभा में पार्टी के जो सदस्य संसदीय दल का हिस्सा होते हैं। वो इसके सदस्य होते हैं और उनका उद्देश्य संसद में पार्टी के मुद्दों और नीतियों को तय करना होता है।
  • कांग्रेस संसदीय दल की ही तरह राज्यों में कांग्रेस विधायक दल होता है जिसे CLP के नाम से जाना जाता है। यह राज्य विधानसभा में पार्टी की नीतियों के लिए उत्तरदायी होता है।
  • युवाओं, छात्रों, महिलाओं,मजदूरों और व्यापारियों के लिए कांग्रेस पार्टी की अलग अलग विंग है- छात्रों के लिए नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया है जिसे NSUI के नाम से जाना जाता है।
  • युवाओं के लिए इंडियन यूथ कांग्रेस है जिसे IYC के नाम से जाना जाता है।
  • मजदूरों के लिए इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना की गयी है। जिसे INTUC के नाम से जाना जाता है।

अब तक 60 लोग बन चुके हैं अध्यक्ष

Madan Mohan Malviya,Congress
Madan Mohan Malviya

भारत के आधुनिक इतिहास में मजबूत पहचान रहे लोग कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस,मदन मोहन मालवीय जैसे नेताओं से लेकर अब तक 60 लोग पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभाल चुके हैं। आजादी के बाद भी आचार्य कृपलानी, पट्टाभि सीतारमैया पुरषोत्तम दास टंडन जैसे नेताओं के हाथ में कांग्रेस पार्टी की कमान रही थी। सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रही हैं।

कई विदेशी मूल के लोग भी रह चुके हैं Congress के अध्यक्ष

Congress

कई विदेशी मूल के लोग भी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं।विलियम वेडरबर्न, हेनरी कॉटन और अल्फ्रेंड वेब से लेकर एनी बेसेंट और सोनिया गांधी तक ने इस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर काम किया है।

गांधी परिवार से अब तक 6 लोग बन चुके हैं Congress अध्यक्ष

नाम साल
राहुल गांधी2017
सोनिया गांधी1998 से 2017 और वर्तमान में अंतरिम अध्यक्ष
राजीव गांधी1985-1991
इंदिरा गांधी1978-1984
जवाहरलाल नेहरू1929, 1930, 1936, 1937, 1951 और 52, 1953,1954
मोतीलाल नेहरू1919, 1928

आजादी के बाद 50 से अधिक विभाजन झेल चुकी है कांग्रेस

आजादी से पहले कांग्रेस पार्टी में अधिक विभाजन नहीं हुई लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस कई बार विभाजित हुई। करीब 50 से अधिक नई पार्टियां इस संगठन से निकल कर बन चुकी है। इनमें से कुछ निष्क्रिय हो गए तो कई पार्टियों ने अपना स्वंतत्र स्थान भारतीय राजनीति में बनाया है। टीएमसी और YSR कांग्रेस जैसे दलों ने कांग्रेस की जगह पर ही स्वयं को स्थापित किया है। 1977-78 के दौरान कांग्रेस के कई बड़े दिग्गज इंदिरा जी का साथ छोड़कर सत्तारूढ़ जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने 1980 में एक बार फिर से वापसी कर ली थी।

‘कांग्रेस एक संगठन से अधिक एक जीव हैं’

बी पट्टाभि सीतारमैया ने कांग्रेस पार्टी के इतिहास को लेकर 2 किताब लिखी है। जिसमें उन्होंने उसे एक संगठन से अधिक एक जीव बताया है। बी पट्टाभि सीतारमैया द्वारा लिखित, यह पुस्तक दो भागों में विभाजित है और यह वर्ष 1935 से 1947 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास को प्रस्तुत करती है। किताब में लेखक कहते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, एक संगठन से अधिक एक जीव है, एक व्यक्ति है, क्योंकि इसे 1885 में एक निर्धारित उद्देश्य के लिए अस्तित्व में लाया गया था।

सेवा, संघर्ष, त्याग और बलिदान का रहा है इतिहास

कांग्रेस पार्टी का इतिहास सेवा, संघर्ष, त्याग और बलिदान का रहा है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार सामाजिक न्याय की परिकल्पना की थी। उन्होंने भारतीय स्वंतत्रता संग्राम को साम्राज्यवाद के खिलाफ जारी विश्वव्यापी संघर्ष से जोड़ा था।

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