उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। हर दिन एटीएस नए नए खुलासे कर रही है। उत्तर प्रदेश एटीएस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें हरियाणा के गुरुग्राम निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के बीड़ निवासी इरफान शेख व दिल्ली के उत्तमनगर निवासी राहुल भोला को गिरफ्तार किया है।

धर्मांतरण मामले में मुख्य आरोपी उमर गौतम के बयान के बाद ही एटीएस के हाथ इतनी बड़ी कामयाबी लगी है। बता दें कि इनमें केंद्रीय बाल कल्याण मंत्रालय में तैनात इंटरप्रेटर इरफान ख्वाजा शेख भी शामिल है जो उमर गौतम को मूक-बधिर व अनाथ बच्चों की जानकारियां देता था। इनके कब्जे से तीन लैपटाप, कई बैंकों की चेकबुक, पासबुक व अन्य दस्तावेज मिले हैं।

वहीं एटीएस ने कोडवर्ड को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है। कोडवर्ड के जरिए मूक-बधिर का धर्मांतरण कराया जाता था। 6 कोडवर्ड को एटीएस ने डिकोड कर लिया है। वहीं खबर है कि इस काम के लिए भारत में उमर गौतम को मुखिया बनाया गया था। उमर गौतम को विदेशों से पैसे मिलते थे जिसमें दुबई और कतर शामिल है।

एटीएस का दावा है कि दिल्ली स्थित उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावाह सेंटर (आइडीसी) का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धर्म परिवर्तन कराने वाले बिलाल फिलिप से गहरा कनेक्शन है। उमर सीधे तौर पर बिलाल फिलिप से भी जुड़ा था। सूत्रों का कहना है कि बिलाल फिलिप देश में अवैध धर्मांतरण कराने वाले जाकिर नाइक के भी संपर्क में रहा है। 

खबर के अनुसार कानपुर के आदित्य गुप्ता के मतांतरण में मन्नू यादव और राहुल भोला ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। मन्नू यादव ने इस्लाम कबूल करने के बाद अपने घर में रखी भगवान की मूर्तियों को भी तोड़ दिया था। मन्नू व राहुल भोला भी मूक-बधिर हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार हिंदू से मुस्लिम बना उमर गौतम ने अपने परिवार के नाम पर कई बैंक अकाउंट खोल रखे हैं जिसमें विदेशी फंडिंग आती है। असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से भी उसको बड़ी रकम मिली थी। उमर गौतम वर्ष 2001 से 2010 तक असम की इस संस्था से जुड़ा रहा।आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि उमर गौतम व उसकी संस्था के खातों में पिछले कुछ वर्षों में करीब 1.83 करोड़ रुपये आए थे। कई अन्य खातों में भी बड़ी रकम आई है। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच में सामने आया है कि IDC को अमेरिका कतर कुवैत के NGO से विदेशी फंडिंग होती थी इस पैसे को दिल्ली के फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन, लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन, फरीदाबाद के मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर, मुम्बई के मरकजुल मारीफ, दिल्ली के ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन समेत कई भारत की FCRA registerd NGO के ज़रिए IDC में भेजा जाता था। उमर गौतम ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के द्वारा फंडिंग होने का भी खुलासा किया है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को धर्मांतरण को लेकर बड़ा खुलासा किया था। राज्य में भारी संख्या में हिंदुओं को मुस्लिम बनाया जा रहा था। टीम ने मौलाना जहांगीर और उमर गौतम को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। दोनों ही गरीब हिंदुओं को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए प्रोत्साहित करते थे। पकड़े गए दोनों आरोपी लखनऊ स्थित बड़े मुस्लिम संस्थान से जुड़े हैं।

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