पूरी दुनिया में अब तक 16,000 जानें ले चुका नोवेल कोरोना (#Corona ) वायरस यानी कोविड19 (#Covid-19 ) दुनिया में चर्चा का मुद्दा बना हुआ है। इससे संबंधित हर अपडेट्स पर लोगों की निगाहें बनी हुई हैं। जिसने उनकी जिंदगी की रफ्तार थाम रखी हो, उसके बारे जानना उनका अधिकार है।

आईए, जानते हैं कि आखिर इसका नामकरण कैसे हुआ ?

कोविड19 (#Covid-19) का क्या है मतलब
दिसंबर के आखिर में जब चीन में इसका पहला मामला सामने आया तो इसे कोराना वायरस फैमिली के विस्तार के रूप में जाना गया। वैज्ञानिकों ने आखिरकार इस विस्तार का नाम 2019-nCoV दिया। 2019 इसलिए क्योंकि वह उस साल पैदा हुआ। नया वायरस होने से नोवेल और कोरोना फैमिली से होने पर CoV नाम दिया गया। इस तरह कोविड-19 कोरोना वायरस डिजीज 2019 के नाम से जाना जाने लगा।

सरकार ने जारी किए हैं हेल्पलाइन नंबर
कोरोना से जुड़ी कोई जानकारी लेने या देने के लिए हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 पर फोन किया जा सकता है। इसके अलावा हर राज्य ने अपना हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है।

corona helplineकोरोना पर कई तरह के झूठे मैसेज से कैसे बचें
सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि ऐसा करने से आप कोरोना वायरस से बच जाएंगे। हम इन दावों की हकीकत आपको बता रहे हैं। अफवाहों से बचना जरूरी है।
1.गर्मी और धूप में नहीं बचता है वायरस
क्या है सच्चाई : एक्सपर्ट भी नहीं जानते कि गर्मी बढ़ने पर वायरस का क्या होगा। सारे अनुमान SARS और MERS महामारी के आधार पर हो रहे हैं। सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसे गर्म देशों में भी वायरस फैला है। हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्टडी बताती है कि वायरस चीन के अलग-अलग तापमान और नमी में भी फैल सकता है।
​2. लहसुन खाने से नहीं होगा कोरोना
क्या है सच्चाई : WHO का कहना है कि लहसुन में बीमारियों से बचने के कुछ गुण होते हैं। हालांकि यह पता नहीं है कि कोराना वायरस पर इसका असर होता भी है या नहीं।
3. चांदी पीने से कोरोना वायरस मर जाता है
क्या है सच्चाई : अमेरिका में फर्जी दावा किया गया था कि कोलाइडल सिल्वर (एक लिक्विड में चांदी डालने के बाद बचे कण) से कोरोना 12 घंटे में मर जाता है। सच यह है कि फायदा होने के बजाय चांदी पीने से किडनी खराब हो सकती है।
4.चेहरे पर मास्क लगाने से भी नहीं बच सकते हैं
क्या है सच्चाई : मास्क बचाने की 100 प्रतिशत गारंटी नहीं देते हैं। वायरस आंखों या मास्क से भी आ सकता है। हालांकि मास्क थूक, खांसी और छींक से बचा सकते हैं, जो कोरोना फैलने के मुख्य तरीके हैं। कोरोना से पीड़ित शख्स मास्क पहने तो वायरस दूसरों तक नहीं फैलता। रोज के काम में मास्क से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। लेकिन N95 जैसे हाई ग्रेड मास्क हेल्थकेयर वर्करों के लिए जरूरी हैं।
5. वैक्सीन बन चुकी है या कुछ महीनों में बन जाएगी
क्या है सच्चाई : वैक्सीन बनाने की कोशिश जारी है। हालांकि इसमें अभी लंबा वक्त लगेगा। अगर एक साल में वैक्सीन बन जाती है तो इसे भी बहुत जल्दी माना जाएगा।
6.अगर आप 10 सेकंड तक सांस रोक सकते हैं तो आप सेफ हैं
क्या है सच्चाई : यह दावा पूरी तरह गलत है। बिना खांसे सांस रोकने से पता नहीं चलता है कि आपको वायरस नहीं है।

कोरोना लॉकडाउन: कोरोना की टूटे कमर घर पर रहें हुजूर
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच देश भर में हुए लॉकडाउन के चलते लोगों की आवाजाही ठप है। कोरोना को रोकने के लिए देशभर के 30 राज्यों को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है, वहीं महाराष्ट्र, पंजाब और पुडुचेरी ने राज्य में कर्फ्यू लगा दिया है। ऐसे में लोगों को सिर्फ जरूरी काम से ही बाहन निकलने की छूट है लेकिन मीडिया संस्थान के कर्मचारियों को इससे बाहर रखा गया है। केंद्र सरकार ने वैसे संस्थानों की श्रेणी जारी की है, जहां काम करने वाले कर्मचारियों को किसी भी राज्य की पुलिस नहीं रोकेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र जारी कर यह निर्देश दिया है।

मंत्रालय के निदेशक गोपाल साधवानी के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र में कहा गया है कि अखबार, पत्र-पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में ही नहीं, बल्कि उनके प्रिंटिंग प्रेस और वितरण तंत्र से जुडे कर्मचारियों को भी इस दौरान नहीं रोका जाए। इसके साथ ही टेलिविजन चैनल, न्यूज एजेंसी, टेलिपोर्ट ऑपरेटर, डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग, डीटीएच, केबल टेलिविज़न, एफएम चैनल आदि में काम करने वाले कर्मचारियों को नहीं रोका जाए। निर्देश में कहा गया है कि ये संस्थान सुचारू रूप से काम करें, इसके लिए निर्बाध बिजली की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए।

ऐसे में उचित सलाह यही है कि कोरोना से बचें, उचित उपाय अपनाएं, घर से बाहर न जाएं, सैनिटाईजेशन का ख्याल रखें। विश्वास है कि भारत बहुत जल्द ही कोरोना को हराने में सफल होगा।

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