मुंबई में डांस बार को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। फैसले के मुताबिक गुरुवार से नए सुरक्षा और नियमों के साथ डांस बार दोबारा से खोले जा सकते हैं, लेकिन डांस बार में पैसों की बारिश करने की इजाजत नहीं होगी।

अदालत ने कहा कि मुंबई के डांस बार में सीसीटीवी कैमरों की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये लोगों की निजता यानी प्राइवेसी का उल्लंघन करते हैं। कोर्ट ने रात 11:30 बजे तक ही डांस बार खोलने की इजाजत दी है। साथ ही स्‍कूल और धार्मिक स्‍थलों से दूर खोलने होंगे डांस बार।

बता दें सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार की दलील थी कि नया कानून गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है। इस नए कानून को इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें इससे पहले पिछले साल 30 अगस्त को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है। पुरानी फिल्मों में चुंबन और प्यार भरे दृश्यों के लिए दो फूलों का मिलना और दो पंछियों का चहचहाना दिखाया जाता था, लेकिन अभी के समाज में लिव-इन को भी कुछ हद तक स्वीकार किया जाता है। देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई डांस बार पर लगाए गए प्रतिबंधों को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा था कि ये नियम इन क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए है।

सुनवाई के दौरानन कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार सभी को है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था, जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियाम और कड़े कर दिए थे। नए कानून के अनुसार, बार केवल शाम 6:30 से रात 11:30 बजे तक ही खुल सकते हैं। राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी, जहां लड़कियां डांस करती हैं।

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