बहुचर्चित निठारी हत्याकांड में अदालत ने व्यापारी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पंढेर और सुरेंद्र कोली को रेप और मर्डर का दोषी पाया था। इसके अलावा कोर्ट ने पंढेर को साजिश रचने और सबूत मिटाने का भी दोषी पाया था। शनिवार को दोषियों पर आरोप तय हो गये थे और सजा सोमवार के लिए सुरक्षित रखी गई थी। इससे पहले भी निठारी कांड के एक अन्य मामले में कोली को फांसी की सजा मिल चुकी है।

Nithari death penaltyनिठारी कांड दिसंबर 2006 में राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था। 20 जून, 2005 को आठ साल की एक बच्ची ज्योति नोएडा के निठारी इलाके से अचानक गायब हो गई थी। इसके बाद से इस इलाके में लगातार एक के एक करके करीब दर्जनभर बच्चे गायब हो गए। 7 मई 2006 को 21 साल की लड़की पायल जब गायब हुई तो उसके मोबाइल से इस केस का एक अहम सुराग मिला। पुलिस ने इस मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर जब उसमें से एक नंबर पर कॉल की तो वह नंबर मनिंदर सिंह पंढेर का था। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में पंढेर और उसके नौकर कोली से पूछताछ करके उन्हें आरोपी बनाया। कुछ दिन बाद  केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था और सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए थे।

इसके बाद पूरे निठारी मामले का खुलासा हुआ था, जिसमें ज्योति, पुष्पा विश्वास, नंदा देवी, पायल, रचना, हर्ष, कुमारी निशा, रिम्पा हलधर, सतेंद्र, दीपाली, आरती, पायल, पिंकी सरकार, अंजली, सोनी, शेख रजा खान और बीना का रेप किया गया था। रेप के बाद उन्हें मारकर पंढेर के घर में दफन कर दिया जाता था।

इस मामले की एक खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान सुरेंद्र कोली ने 56 दिन स्वयं बहस की। उसने अपनी पैरवी करने वाले कई अधिवक्ताओं को हटा दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here