केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान हुए देश के बहुचर्चित 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आखिरकार फैसले की घड़ी आ गई है। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में 21 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके की राज्यसभा सांसद कनिमोझी समेत कई हाईप्रेफाइल लोग आरोपी हैं। ए. राजा और कनिमोझी फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं। विशेष सीबीआई कोर्ट के जज ओपी सैनी ने फैसले के दिन सभी आरोपियों को अदालत में पेश रहने का आदेश दिया है।

सीबीआई की विशेष अदालत तीन मामलों की सुनवाई कर रही है जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय के पास है। अदालत में 26 अप्रैल को इस मामले में अंतिम बहस हुई थी। सीबीआई का कहना है की ए. राजा ने 2 जी स्पेक्ट्रम बांटने के मामले में गड़बड़ी की और 122 लाइसेंस गलत तरीके से आवंटित किए, जिससे सरकारी खजाने को 30,984 करोड रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2012 में सभी लाइसेंस रद्द कर दिए थे।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि स्वान टेलीकॉम को 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के बदले में डीबी ग्रुप से 200 करोड रुपये डीएमके के कलाईगनार टीवी को दिए गए। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

21 दिसंबर को ही विशेष अदालत एस्सार और लूप टेलिकॉम के खिलाफ चल रहे 2 जी केस में भी अपना फैसला सुनाएगी। सीबीआई का कहना है कि लूप टेलिकॉम को जो स्पेक्ट्रम मिले उसके लिए पैसे लूप टेलिकॉम ने नहीं बल्कि एस्सार ग्रुप ने दिए थे। सीबीआई के मुताबिक एस्सार और लूप के प्रमोटर्स ने स्पेक्ट्रम लाइलेंस हासिल करने के लिए धोखाधड़ी की थी।

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