Dev Deepawali 2021: देव दीपावली (Dev Deepawali) आज पूरे देशभर में बड़े धूम धाम से मनाई जाएगी। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन स्वर्गलोक से देवता पृथ्वीलोक पर दीपावली मनाने के लिए आते हैं। इसलिए इसे देव दीपावली कहते हैं। वहीं दूसरी मान्यता है कि शिव जी ने आज ही के दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु जी ने मत्स्य का अवतार लिया था।
हाथ नहीं है पर हौसला है
देव दीपावली को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन को दक्षिण भारत में कार्तिकेय दीप उत्सव के नाम से जाना जाता है। यहां के मंदिरों में कार्तिकेय दीप उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। ऐसे में तैयरी की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसमें, एक हाथ न होने के बावजूद कुम्हार दिया बना रहा है।
तमिलनाडु के मदुरई से News Agency ANI ने ऐसा वीडियो जनता के सामने पेश किया है जिसे देखने के बाद कह सकते हैं कि काम करने का सिर्फ जज्बा होना चाहिए। तमिलनाडु के मदुरई के विलांगुड़ी के रहने वाले वेल मुरुगन हर साल ‘कार्तिकेय दीप उत्सव’ के अवसर पर मिट्टी के दिये बनाते हैं।
‘कार्तिकेय दीप उत्सव’ की तैयारी
मुरुगन का एक हाथ का पंजा नहीं है। मतलब वे बिना उंगलियों के ही मिट्टी के दियों को सुंदर आकार देते हैं। उन्होंने एक दुर्घटना में अपना एक हाथ गवा दिया था। इसके बावजूद वो हाथ से मिट्टी के दीये बनाते हैं।
‘कार्तिकेय दीप उत्सव’ की भ्वय तैयारी को देखते हुए मुरुगन दिये बना रहे हैं। इनकी इस तस्वीर को देख कर लोग उन्हें सलाम कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि वे अपने कटे हुए हाथ के साथ दिये बना रहे हैं। एक हाथ से दिये बनाने वाले चाक को पकड़ते हैं और दूसरे हाथ से उसे आकार देते हैं।
बता दें कि इस दिन सभी नदी तीर्थ क्षेत्रों में घाटों और नदियों में दीपदान किया जाता है। देव दीपावली देवता मनाते हैं। मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसीलिए इस दिन गंगा स्नान कर दीपदान का महत्व है। इस दिन दीपदान करने से लंबी आयु प्राप्त होती है।
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