बड़े बुजुर्गों से आपने कई बार सुना होगा कि तांबे के बर्तन में पानी पीना सेहतमंद होता है। काफी लोग ऐसा करते भी हैं लेकिन उनकी शिकायत रहती है कि उन्हें इसका खास फायदा नहीं हुआ। इसका कारण है कि उन्हें इसके प्रयोग का सही तरीका मालूम नहीं होता।

विशेषज्ञय बताते हैं कि तांबा लाल और पीले रंग का मिश्रण होता है। दोनों रंग की तासीर गर्म होती है, लिहाजा तांबे में रखा पानी भी गर्म तासीर का हो जाता है। ऐसे में इसे गुनगुना करके पीने की जरूरत नहीं पड़ती।

भुल- कर भी बर्तन को जमीन पर न रखें

तांबे का बर्तन पानी को चार्ज करने का काम करता है। इससे बर्तन के सारे गुण पानी में आ जाते हैं। इसलिए इस पानी को चार्ज्ड वॉटर भी कहा जाता है। जब भी तांबे के बर्तन में पानी में रखें तो उसे जमीन पर भुल कर भी ना रखें।

लकड़ी से बने हुए चीजो पर ही रखें। पानी का पूरा फायदा लेने के लिए 8-12 घंटे तक इसे तांबे के साफ बर्तन में रखें। 12 घंटे से ज्यादा न रखें अन्यथा पानी कषाय (कणवा) हो जाएगा। और कषाय पानी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

इस तरह पानी को पीए

  • तांबे के बर्तन में रखे पानी का इस्तेमाल करने का सही तरीका, रात में सोते समय तांबे के बर्तन में पानी ढ़क कर रख दे।
  • सुबह उठते ही खाली पेट धीरे धीरे पानी पिएं। एक गिलास से शुरू करके इसे एक लीटर से सवा लीटर तक पिएं।
  • एकदम से संभव न हो तो धीरे धीरे पानी पीने की क्षमता बढ़ाएं।
  • पानी को घूंट घूंट करके पिएं। ब्रह्म मुहुर्त में इस पानी को पिएं तो सर्वोत्तम है।
  • तांबा के फायदे

फायदे

  • तांबा प्योरीफायर का काम करता है। और पानी में पाए जाने वाले अशुद्धियों को प्राकृतिक तरीके से दूर कर देता है।
  • आंतों की गंदगी साफ कहोती है। आंतों की गंदगी साफ होने से पूरे शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
  • तांबा रक्त शुद्धि का काम करता है। इसके कारण त्वचा संबंधी समस्याएं भी ठीक होती हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मददगार है।

भूलकर भी ये गलती न करें

  • यदि पेट में अल्सर है या एसिडिटी की समस्या है तो तांबे के बर्तन का पानी न लें क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
  • यदि किडनी या हार्ट के मरीज हैं तो डॉक्टर की सलाह से ही पानी पिएं। ज्यादा पानी एक बार में पीना नुकसान दायक हो सकता है।
  • पानी के अलावा खाने पीने की कोई भी चीज तांबे के बर्तन में डालकर प्रयोग न करें। खासकर दूध, दूध से बनी चीजें और खट्टी चीजें। ये विषाक्त हो सकती हैं। इससे फूड पॉयजनिंग भी हो सकती है।

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