Ekadashi 2022: जानें कब है देवउठनी एकादशी? जानिए इसका महत्‍व

Ekadashi 2022: देवोत्‍थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।दरअसल भगवान विष्‍णु आषाढ़ मास की शुक्‍ल पक्ष की एकादशी से निद्रा में चले जाते हैं और शुक्‍ल पक्ष एकादशी तिथि के दिन उठते हैं, इसीलिए इस दिन को देवोत्‍थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

0
177
Shattila Ekadashi 2023 ki news
Shattila Ekadashi 2023 ki news

Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के साथ जल्‍द ही मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होने जा रहा है।इस दिन से सभी मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश क्रिया, उपनयन संस्कार फिर शुरू हो जाते हैं।शास्त्रों में भी इस दिन के विषय में कुछ विशेष उपायों को बताया गया है, जिन्हें करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।भगवान विष्णु जब निद्रा में चले जाते हैं तो चार महीने तक सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।

देवउठनी एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं।हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल देवउठनी एकदशी 04 नवंबर, 2022 को मनाई जाएगी।आइए जानते हैं कि कार्तिक मास की एकादशी को देवउठनी एकदशी का महत्व क्या है और मांगलिक कार्य कब से शुरू हो रहे हैं?

Ekadashi 2022: top hindi news
Ekadashi 2022:

Ekadashi 2022: गन्‍ने का मंडप बनाकर पूजा करें

Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु को जगाया जाता है। भक्‍त आंगन को रंगोली से सजाते हैं। फिर उस स्थान पर गन्ने का मंडप बनाया जाता है। जिसमें भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए।पूजा के दौरान ‘उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये, त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्’ इस मंत्र का 11 बार जाप करना शुभ होता है। इस दिन घी के 11 दीपक जलाने की भी परंपरा है।

Ekadashi 2022: देवोत्‍थान एकादशी के नाम से भी जानी जाती है एकादशी

देवोत्‍थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।दरअसल भगवान विष्‍णु आषाढ़ मास की शुक्‍ल पक्ष की एकादशी से निद्रा में चले जाते हैं और शुक्‍ल पक्ष एकादशी तिथि के दिन उठते हैं, इसीलिए इस दिन को देवोत्‍थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।इस साल देव उठनी एकादशी 4 नवंबर 2022, शुक्रवार के दिन है। जबकि इसका पारण 5 नवंबर 2022 को किया जाएगा। इस दिन धूमधाम के साथ तुलसी विवाह भी कराया जाता है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here