Engineer’s Day 2021: 15 सितंबर को क्यों मनाया जाता है Engineer’s Day

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Engineer's Day 2021
15 सितंबर 1860 को विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था। विश्वेश्वरैया ने शुरुआती शिक्षा मैसूर में ही पूरी की।

15 सितंबर (15 September) को पूरे देश में Engineer’s Day मनाया है। इस दिन भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न Mokshagundam Visvesvaraya का जन्म हुआ था। मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया भारत के महान इंजीनियरों में से एक थे। इन्होंने भारत को और आधुनिक बनाने में अपना योगदान दिया था।

M. Visvesvaraya को 1955 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से किया गया सम्मानित

एम विश्वेश्वरैया (M. Visvesvaraya) को साल 1955 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, क्योंकि उनके प्रयासों से ही कृष्णराज सागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर संदल आइल एंड सोप फैक्टरी, मैसूर विश्‍वविद्यालय, बैंक ऑफ मैसूर का निर्माण हो पाया। इसके अलावा हैदराबाद शहर की डिजाइन का श्रेय डॉ. विश्वेश्वरैया को ही जाता है। उन्होंने एक बाढ़ सुरक्षा सिस्टम को विकसित किया था। समुद्र कटाव से विशाखापट्टनम बंदरगाह की सुरक्षा के लिए खास योजना बनाई थी। भारत सरकार ने एम विश्वैश्वरैया के जन्म दिन के अवसर पर 1968 में अभियंता दिवस (Engineer’s Day) घोषित किया गया।

15 सितंबर 1860 को विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था। विश्वेश्वरैया ने शुरुआती शिक्षा मैसूर में ही पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने बेंगलुरु के सेंट्रल कॉलेज में दाखिला करवाया। विश्वेश्वरैया ने 1881 में बीए की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

इसके बाद मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। 1883 की एलसीई व एफसीई की परीक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी उपलब्धि के चलते महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें नासिक में सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया। विश्वेश्वरैया ने मूसा व इसा नामक दो नदियों के पानी को बांधने के लिए प्लान तैयार किए। इसके बाद उन्हें मैसूर का चीफ इंजीनियर नियुक्त किया गया।  1947 में वह आल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष बने।

सभी मेहनती इंजीनियरों को #EngineersDay की बधाई। हमारे ग्रह को बेहतर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं हैं। मैं उल्लेखनीय श्री एम. विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी उपलब्धियों को याद करता हूं। पीएम मोदी ने देश के इंजीनियरों की तारीफ लिए ट्विटर का सहारा लिया।


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