भारत के 72वें गणतंत्र दिवस पर किसान कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन करते हुए दिल्ली में घुस गए हैं। प्रदर्शन इतना उग्र हुआ कि, पुलिस को किसानों पर लाठी चार्च करना पड़ा और आंसू गैस के गोले का भी सहारा लेना पड़ा। दिल्ली के आईटीओ, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और नांगलोई में किसान बेकाबू दिखे।

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किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के कई बॉर्डर को आज रात 12 बजे से अस्थायी रूप से इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, मुकरबा और नांगलोई बॉर्डर पर गृह मंत्रालय ने इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

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किसान लंबे से कह रहे थे कि वे गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलन जरूर करेंगे इस बात को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर रैल के लिए एक रूट तय कर दिया था लेकिन एन वक्त पर किसानों ने आटर रिंग रो़ड पर मार्च करना शुरू कर दिया। वहीं खबर है कि पुलिस ने मार्च के लिए जिस रूट को तय किया था वहां पर भी बैरिकेडिंग लगा दी थी जिसके बाद किसान बेकाबू हो गए। आंदोलन में निहंग सिख बैरिकेड पर दिख रहा है।

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आंदोलनकारी किसान कृषि कानून के विरोध के पहले दिन से ही दिल्ली में प्रवेश करने की जिद पर अड़े थे लेकिन दिल्ली पुलिस से इजाजत न मिलने के बाद वे सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर ही बैठ गए आंदोलन के लिए। किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में प्रवेश किया और लाल किले में जबर घुस गए हैं।

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दिल्ली के लाल किला पर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराते हैं वहां पर प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे को उतार कर सिखों का तिरंगा फहराया साथ ही तस्वीरों के अनुसार वहां पर खालिस्तानी झंडा भी दिखा है।

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आंदोलन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच भारी झड़प भी हुई जिसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया वहीं आंदोलन को काबू करने में लगे पुलिस वालों ने भी किसानों पर लाठी चार्ज किया।

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किसानों के उग्र प्रदर्शन के कारण लोग उन्हें आतंकवादी और खालिस्तानी कह रहे हैं। इसी बात को गलत साबित करते हुए कुछ किसान पोस्टर के साथ खुद को एक सच्चा किसान बता रहे हैं जिसकी तस्वीर ट्विटर पर वायरल हो रही है।

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गाजीपुर बॉर्डर के पास किसान और पुलिस आमने-सामने नजर आए। किसानों की ओर से बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की गई, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की ओर से बैरिकेड करने के लिए क्रेन का इस्तेमाल भी किया गया, लेकिन किसान नहीं रुके।

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गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया. इस मौके पर हजारों की संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते हुए नज़र आए। दिल्ली के भलस्वा लैंडस्लाइड के पास का ये नजारा आपको ट्रैक्टर रैली की व्यापकता का अंदाजा बता सकता है।

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किसान आंदोलन में टैक्टर से करतब दिखाने के दौरान एक चालक की मौत भी हो गई। किसान की मौत दिल्ली के आईटीओ के पास हुई है। किसान की मौत पर सभी लोग उसे घेर कर बैठ गए हैं। इतने उग्र आंदोलन और देखते हुए गृह मंत्रालय उच्चस्तरीय बैठक कर रहा है।

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