Freedom Of Press: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश में शासन और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे मामलों पर भारत की रैंकिंग लगातार गिर रही है। लिहाजा अब केंद्र सरकार रैंकिंग को सुधारने के लिए वैश्विक एजेंसियों के ‘एजेंडा’ पर शिकंजा कसेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रमुख सलाहकार ने शुक्रवार को एक चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया कि विदेशी एजेंसियां भारत को हर क्षेत्र में कम रैंकिंग देकर एक एजेंडा चला रही हैं। अब हम इसके खिलाफ बहुत जल्द कदम उठाएंगे।
जानकारी के अनुसार विकासशील देश इस बात से चिंतित हैं कि इन रैंकिंग को प्रभावी रूप से नए तरह का उपनिवेशवाद माना जा रहा है। अलग देशों के संबंधित मंत्रालयों और रेटिंग एजेंसियों को एक साथ जुड़ने और बातचीत करने के लिए कहा जा रहा है।
Freedom Of Press: सीधा असर व्यापार और निवेश पर
Freedom Of Press:पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा ‘भारत ने वैश्विक मंचों पर इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सूचकांकों को “उत्तरी अटलांटिक में थिंक-टैंक के एक छोटे समूह” द्वारा संकलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूचकांक में पीछे होने का मतलब सिर्फ एक आंकड़ा नहीं होता है, इसका सीधा असर व्यापार, निवेश और अन्य गतिविधियों पर पड़ता है।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की तरफ से जारी नए विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत अफगानिस्तान और पाकिस्तान से नीचे है. वहीं वी-डेम इंस्टीट्यूट की एकैडमिक फ्रीडम सूचकांक में भारत पाकिस्तान और भूटान से नीचे था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रमुख सलाहकार संजीव सान्याल ने एक चैनल को बताया था, कि आने वाले समय में ये एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा वित्तीय विकास सूचकांक, यूएनडीपी द्वारा लैंगिक असमानता और मानव विकास सूचकांक में भी भारत को और पीछे धकेलने का प्रयास करेंगी।
Freedom Of Press: रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का नाम लिया
Freedom Of Press: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर हाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में ये कह चुके हैं कि सरकार विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक की रैंकिंग करने वाले समूह से असहमत हैं। उन्होंने सीधे तौर पर रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का नाम लेते हुए ये बात कही। मंत्री अनुराग ठाकुर ने असहमति जताते हुए रैंकिंग एजेंसियों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों की कमी का हवाला दिया। अनुराग ठाकुर ने एजेंसियों को अपारदर्शी पद्धति अपनाए जाने पर जोर दिया था।
Freedom Of Press: भारत की रैंक अफगानिस्तान, पाकिस्तान से भी नीचे
Freedom Of Press:रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की तरफ से जारी नए विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंक अफगानिस्तान और पाकिस्तान से नीचे है। वहीं वी-डेम इंस्टीट्यूट की एकैडमिक फ्रीडम सूचकांक में भारत पाकिस्तान और भूटान से नीचे था।
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भी पिछड़े
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट हर वर्ष जारी की जाती है। यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क इस रिपोर्ट को जारी करता है। पिछली बार के मुकाबले भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन भारत नेपाल, चीन और बांग्लादेश जैसे अपने पड़ोसी देशों से भी नीचे पहुंच गया है। यहां तक कि जंग लड़ रहे रूस और यूक्रेन भी इस लिस्ट में भारत से आगे हैं।रूस 70वें और यूक्रेन 92 वें पायदान पर है।
धार्मिक आस्था में रैंक पिछड़ी
धार्मिक आस्था को व्यक्त करने में मिलने वाली आजादी के आधार पर भारत को 4 में से 2 नंबर मिले हैं।वर्ष 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत आधिकारिक तौर पर सेक्युलर राज्य है, लेकिन हिंदू राष्ट्रवादी संगठन और कुछ मीडिया आउटलेट्स मुस्लिम-विरोधी विचारों को बढ़ावा देते हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि इस गतिविधि को बढ़ावा देने का आरोप नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी लगता है। रिपोर्ट के मुताबिक गायों के साथ दुर्व्यवहार या गोहत्या के लिए मुसलमानों पर हमले किए जाते हैं।
जानिए रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के बारे में
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1985 में मोंटपेलियर में चार पत्रकारों द्वारा सूचना की स्वतंत्रता की रक्षा और प्रचार के लिए की गई थी। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स को संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूरोप की परिषद और इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ फ्रेंकोफोनी (OIF) के सलाहकार होने का दर्जा प्राप्त है।
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