बिहार के गया में गैंगरेप का शिकार हुई नाबालिग के साथ जबरन फोटो खिचानें की कोशिश करने वाले RJD नेताओं के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। दरअसल, RJD के कुछ नेताओं ने रेप पीड़िता को समर्थन देने के बहाने पहले तो पुलिस जीप से नीचे उतारा और फिर उसके साथ फोटो खिचानें की मांग करने लगे। बता दें इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी राजीव मिश्रा के निर्देश पर मेडिकल थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले में पूर्व मंत्री आलोक मेहता, आरजेडी विधायक सुरेंद्र यादव, आरजेडी महिला सेल की अध्यक्ष आभा लता, आरजेडी के जिलाध्यक्ष निजाम आलम सहित आरजेडी के कुल 6 नेताओं के खिलाफ जबरदस्ती की धारा 114, 147, 353, 228A, और IPC 74 JJ के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इस मामले में SSP राजीव मिश्रा ने बताया, कि पीड़िता से मिलने पहुंचने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया, कि शुरुआत में पीड़िता केस दर्ज नहीं कराना चाहती थी, क्योंकि इससे उसकी पहचान उजागर हो जाएगी। लेकिन नेताओं को अचानक अस्पताल में देखकर और उनके रैवैएं से पीड़िता अब तक सदमे हैं।

इस मामले में पुलिस ने लगातार छापेमारी करके 10 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं तीन आरोपियों को भी पकड़ लिया गया है। पीड़िता के पिता ने मामले में दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। बता दें कि पुलिस ने ये मामला रेप पीड़िता की पहचान जाहिर करने और जबरदस्ती फोटो खिंचवाने के मामले में दर्ज किया है। वहीं इस मामले में राजद की जांच टीम की अगुवाई करने वाले पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने मीडिया के सवाल पर सफाई देते हुए कहा था, कि उनकी टीम ने पीड़िता का सम्मान करते हुए उससे और उसके पिता से सारी जानकारी ली है।

यह है पूरा मामला

दरअसल, गया में 13 जून की रात जब एक डॉक्टर अपनी पत्नी और बेटी के साथ मोटरसाइकिल पर घर जा रहे थे। तभी रास्ते में 10 से 12 लोगों ने उन्हें जबरन रुकवा लिया और फिर उनके ही सामने उनकी पत्नी और बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस के मुताबिक दरिंदों ने डॉक्टर को पेड़ से बांध दिया था।

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