पाकिस्तान सरकार की ओर से गिलगिट-बाल्टिस्तान में लागू किए गए टैक्सेसन सिस्टम को अवैध बताते हुए हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। पीओके के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने उन पर जो टैक्स थोपा है, वो बिल्कुल ही गैरकानूनी है। सड़कों पर विरोध करने के लिए निकले लोगों ने धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है।

बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की सीमा से लगे गिलगिट बाल्टिस्तान में अवैध कर लगाने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी संख्या में  छोटे और बड़े व्यापारी, राजनीतिक कार्यकर्ता और आम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि, ‘हम इसी संख्या और उत्साह के साथ प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक कि पाकिस्तान दर्ज टैक्स को वापस नहीं ले लेता है।’

इन लोगों की माने तो पाकिस्तान के द्वारा इस क्षेत्र के संविधान में दिए विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए उन पर अवैध तरीके से टैक्स को थोपा जा रहा है। वहीं व्यापारी समुदाय का कहना है कि पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और गरीब व्यापारियों पर अनावश्यक टैक्स को लागू कर रहा है। इस प्रदर्शन में सुबह लोग अपने घरों से निकल आए और पोस्टर और बैनर लेकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।

गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी हमले की 70वीं वर्षगांठ पर  प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, गिलगित, हजीरा और अन्य जगहों पर विरोध जताया था। 30 अक्टूबर को भी पाकिस्तानी सरकार और सेना से नाराज लोगों ने  गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में ‘ब्लैक डे’ मनाया था।

इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और गरीब व्यापारियों पर अनावश्यक टैक्स को लागू कर रहा है। इनका कहना है कि आधारभूत मौलिक अधिकारों को दिए बिना, क्षेत्र को सब्सिडी या संवैधानिक दर्जा दिए बिना व्यापारियों के ऊपर बार-बार टैक्स थोपा जा रहा है और इस टैक्स का इस्तेमाल गिलगिट बाल्टिस्तान के विकास और कल्याण के लिए भी नहीं किया जाता।

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