Gujarat News: अखबार बेचने वाले व्यक्ति की बेटी ने International Kickboxing के लिए किया Qualify

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Gujarat News: कहने को तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। 2022 में प्रवेश करने वाले हैं, लेकिन आज भी महिलाओं को इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। खेल, बिजनेस, मनोरंजन जैसे क्षेश्रों में आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को लोगों की दकियानूसी सोच का सामना करना पड़ता है। अगर आप बहुत ही छोटी जगह और गरीब परिवार से आती हैं तो चुनौती और भी बढ़ जाती है। पर कहते हैं ना कुछ कर गुजर जाने का जुनून आप को वो सब कुछ दे सकता है जिसे आप पाना चाहते हैं। इसी कहावत को सच किया है, गुजरात की रहने वाली अक्षदा दलवी (Akshada Dalvi) ने। दरअसल गुजरात (Gujarat) के वडोदरा (Vadodara) में अख़बार बेचने वाले व्यक्ति की बेटी अक्षदा दलवी ने अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग के लिए क्वालीफाई किया है।

बचपन से था Kickboxing का शौक

अक्षदा दलवी ने बताया कि उन्हें बचपन से ही किक बॉक्सिंग का शौक था और पांचवी क्लास से ही कराटे सीखना शुरू कर दिया था। दलवी ने अपने पहले नेशनल में गोल्ड मेडल हासिल कर देश को गर्व का पल दिया था। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि जब मैंने पांचवीं कक्षा पास की तो मैंने कराटे सीखा उसके एक साल बाद मैंने किक बॉक्सिंग शुरू की। मैंने अपने पहले नेशनल में गोल्ड मेडल जीता।

बता दें कि किक बॉक्सिंग व्यायाम का एक एरोबिक रूप है जो आपके शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह एक मार्शल आर्ट्स खेल है जो इंसान को फिट होने और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह शरीर के फैट को कम करता है, शरीर को लचीला करता है और दिल को मजबूत करता है। किक बॉक्सिंग दिमागी संतुलन को बेहतर करने में काफी मददगार है।

Japan से हुई थी शुरुआत

किक बॉक्सिंग की शुरूआत सबसे पहले साल 1930 में जापान में हुई थी। यह अमेरिका में 70 के दशक में पेश किया गया था। बता दें कि जापानी किकबॉक्सिंग के साथ किकबॉक्सिंग के कई अलग-अलग प्रारूप हैं, अमेरिकन किकबॉक्सिंग, मय थाई या थाई किकबॉक्सिंग

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